बोतल फेंकी, आग लगाई, कांबली का रो-रोकर बुरा हाल, भारतीय क्रिकेट का सबसे काल… – भारत संपर्क

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बोतल फेंकी, आग लगाई, कांबली का रो-रोकर बुरा हाल, भारतीय क्रिकेट का सबसे काल… – भारत संपर्क

टीम इंडिया ने 4 दिन पहले 9 मार्च को न्यूजीलैंड को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता है. रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम ने बिना कोई मैच हारे ट्रॉफी जीती और इतिहास रच दिया. 3 ट्रॉफी के साथ अब वह इस टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम बन गई है. फैंस अभी भी इस ऐतिहासिक जीत के जश्न में डूबे हुए हैं. लेकिन हम आपको भारतीय क्रिकेट के इतिहास के सबसे काले दिन से रूबरू कराने जा रहे हैं. 13 मार्च 1996 का वह दिन जब टीम इंडिया को एक गहरा जख्म मिला था. आइए जानते हैं आखिर इस दिन क्या हुआ था?
बोतलें फेंकी, स्टेडियम में लगाई आग
13 मार्च 1996 का दिन भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक काले धब्बे की तरह है, जिसे चाहकर भी धोया नहीं जा सकता है. इस दिन को कोई भारतीय फैंस याद नहीं रखना चाहेगा. ये बात है 29 साल पहले श्रीलंका और भारत के बीच खेले गए वर्ल्ड कप सेमीफाइनल की. कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेले गए इस मैच में भारतीय टीम की बुरी तरह हार हुई थी. टीम इंडिया को हारता हुआ देखकर गुस्साए फैंस ने मैच के बीच ही जमकर बवाल किया था. उन्होंने स्टेडियम में बोतलें फेंकनी शुरू कर दी थीं. कुछ फैंस ने तो स्टेडियम के एक हिस्से में आग लगा दी थी. इस वक्त विनोद कांबली क्रीज पर मौजूद थे. वे इस घटना से बहुत आहत हुए और हजारों फैंस के सामने रोने पर मजबूर हो गए थे. उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया था.

दरअसल, 1996 में भारत को क्रिकेट वर्ल्ड कप की मेजबानी का मौका मिला था. मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट में दमदार प्रदर्शन किया था. क्वार्टर फाइनल में भारत ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराया था. इसलिए सेमीफाइनल में भारतीय टीम से पूरे देश की उम्मीदें बढ़ गई थीं. श्रीलंका के खिलाफ होने वाले इस मुकाबले के लिए स्टेडियम में 1 लाख से ज्यादा दर्शक उमड़ पड़े थे. मुकाबले में टीम इंडिया की शुरुआत भी अच्छी रही थी. भारत ने टॉस जीतकर पहले बॉलिंग करते हुए 35 रन के स्कोर पर ही श्रीलंका के 3 विकेट गिरा दिए थे. वहीं 85 के स्कोर पर चौथा बल्लेबाज भी आउट हो गया. फिर श्रीलंका ने वापसी की और स्कोरबोर्ड पर 251 रन लगा दिए. इसके बावजूद भारतीय फैंस इस मुकाबले में जीत की उम्मीद कर रहे थे. लेकिन जीत तो दूर टीम की जो दुर्दशा हुई उससे फैंस आग बबूला हो उठे.

क्यों भड़क गए थे फैंस?
252 के लक्ष्य को चेज करते हुए भारत ने 1 विकेट के नुकसान पर 98 रन बना लिए थे. हालांकि, इसके बाद जो कुछ हुआ उस पर किसी भी फैंस को यकीन नहीं हुआ. 98 रन के स्कोर पर मांजरेकर के आउट होते ही विकेटों की झड़ी लग गई. अगले 22 रन बनाने में भारतीय टीम ने 7 विकेट गंवा दिए. इससे स्कोर 8 विकेट के नुकसान पर 120 हो गया. हालांकि, विनोद कांबली अभी भी 29 गेंद में 10 रन बनाकर अनिल कुंबले के साथ क्रीज पर टिके हुए थे.
लेकिन स्टेडियम में मौजूद दर्शकों को भारतीय टीम की हार का अंदाजा हो गया था. फैंस हारने से भी ज्याद भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन से नाराज थे. इसलिए उन्होंने बोतलें फेंकनी शुरू की और आग भी लगाई. हालात बिगड़ते हुए देखकर पुलिस ने मोर्चा संभाला. वहीं अंत में मैच रेफरी ने श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया. कांबली पूरी तरह बैटिंग भी नहीं कर पाए. सचिन के 65 रन, मांजरेकर के 25 और कांबली के 10 रनों के अलावा कोई भी बल्लेबाज दहाई के आंकड़े तक नहीं पहुंच सका था. इस तरह से 13 मार्च को एक गहरा जख्म मिला था. इस हादसे को पूरा देश आज तक नहीं भूल पाए हैं.

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