आयरलैंड देगा भारत के छात्रों को मौका, उच्च शिक्षा मंत्री जेम्स लॉलेस तैयार…


जेम्स लॉलेस, उच्च शिक्षा मंत्री, आयरलैंड (सोशल मीडिया)
आयरलैंड के उच्च शिक्षा मंत्री जेम्स लॉलेस 15 से 22 मार्च 2025 तक भारत की यात्रा पर रहेंगे. उनकी इस यात्रा का मकसद एजुकेशन, रिसर्च और बिजनेस के क्षेत्र में भारत और आयरलैंड के बीच संबंधों को मजबूत करना है. वे अपनी यात्रा के दौरान भारत के बड़े विश्वविद्रृयालयों, शोध संस्थानों और सरकारी अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और दोनों देशों के छात्रों को संबंधों का फायदा कैसे मिले इस पर एक रोडमैप भी बनाएंगे.
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना, संयुक्त शोध परियोजनाओं पर काम करना और शिक्षा में नई तकनीकों को अपनाने की संभावनाओं पर चर्चा करना है. भारत और आयरलैंड पिछले 75 सालों से शिक्षा, अनुसंधान और संस्कृति के क्षेत्र में अच्छे रिश्ते बनाए हुए हैं, और अब दोनों देश इसे और आगे बढ़ाना चाहते हैं.
दोनों देशों के बीच संबंध बहुत मजबूत
आयरलैंड के भारत में राजदूत केविन केली ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध बहुत मजबूत हैं और शिक्षा व अनुसंधान में सहयोग बढ़ने से छात्रों और शिक्षकों को नए अवसर मिलेंगे. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इससे भारत और आयरलैंड के बीच विज्ञान, टेक्नोलॉजी और नवाचार (इनोवेशन) के क्षेत्रों में साझेदारी और गहरी होगी.
भारतीय कंपनियों के लिए बड़ा अवसर
आयरलैंड दुनिया के बड़े टेक्नोलॉजी हब में से एक बन चुका है और वहां की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है. इस वजह से यह भारतीय कंपनियों के लिए यूरोप में अपने कारोबार का विस्तार करने का एक बड़ा अवसर बन रहा है. हाल के वर्षों में टेक्नोलॉजी, बायोटेक, दवाइयों, एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और डेटा साइंस में आयरलैंड ने काफी तरक्की की है.
भारत की कई कंपनियां भी इन क्षेत्रों में ग्लोबल स्तर पर आगे बढ़ रही हैं, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के नए रास्ते खुल रहे हैं.
यूरोप में विस्तार करने का अच्छा अवसर
आईडीए आयरलैंड की भारत और दक्षिण एशिया क्षेत्र की निदेशक तनाज़ बुखारीवाला ने कहा कि आयरलैंड का मजबूत उद्योग और वहां की सरकार की बिजनेस-फ्रेंडली नीतियां भारतीय कंपनियों के लिए यूरोप में विस्तार करने का अच्छा अवसर हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि यह यात्रा भारत और आयरलैंड के बीच व्यापार, निवेश और शिक्षा के क्षेत्रों में नए अवसरों को जन्म देगी.
दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ने की संभावना
भारत तेजी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन रहा है और इसके साथ ही तकनीक, जीवन विज्ञान, और सतत विकास (सस्टेनेबल डेवलपमेंट) जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ने की संभावना भी बढ़ रही है. इस यात्रा से दोनों देशों के बीच शिक्षा और व्यापार के क्षेत्र में मजबूत साझेदारी बनने की उम्मीद है, जिससे छात्रों, शिक्षकों और कंपनियों को बड़ा फायदा होगा.
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