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पंचायत सचिवों की हड़ताल के बीच संबित और सुनील की संगठन में पुनः वापसी, भूख हड़ताल,चक्काजाम व जेल भरो आंदोलन की तैयारी

कोरबा। पंचायत सचिवों की हड़ताल के बीच संबित और सुनील की संगठन में पुनः वापसी हो गई है। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की वापसी से संगठन और मजबूती मिलेगी। पंचायत सचिव संघ छत्तीसगढ के कार्यालयीन आदेश क्र0 38 दिनांक 17. 12.2024 को निरस्त करते हुये जनपद पंचायत करतला / पाली के प्रस्ताव अनुसार संबित साहू उपप्रांताध्यक्ष एवं सुनील जायसवाल प्रदेश महामंत्री को ससम्मान पुनः प्रदेश कार्यकारिणी में पूर्व पदस्थ पद पर बहाल किया जाता है। उक्त आदेश प्रांत अध्यक्ष ने जारी कर दिया है। शासकीयकरण की मांग को लेकर चल रहे पंचायत सचिवों के अनिश्चितकालीन हड़ताल समाप्त होने के आसार दिखाई नही दे रहे। पंचायत मंत्री के साथ संगठन के प्रांतीय पदाधिकारियों की वार्ता पर विफल हो गई है। इसके साथ ही आंदोलन तेज करने की रणनीति बनाई जा रही है। जिसके तहत जिला मुख्यालयों में पंचायत सचिव एक अप्रैल से क्रमश: भूख हड़ताल, आमरण अनशन, चक्काजाम व जेल भरो आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं। प्रदेश में दस हजार से अधिक ग्राम पंचायत सचिव कार्यरत हैं, जो शासन की योजनाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाने में अहम जिम्मेदारी निभाते हैं। उनके द्वारा 29 से अधिक विभागों के दो सौ से अधिक कार्य किया जाता है। इसके बावजूद शासकीयकरण नही किए जाने से व्यथित हैं। पंचायत सचिवों को सरकार गठन से पूर्व मोदी की गारंटी के तहत शासकीयकरण की घोषणा से भारी उम्मीद थी, लेकिन उम्मीदों पर पानी फिरते नजर आ रहा है। जिसे लेकर प्रदेश ग्राम पंचायत सचिव संघ के बैनर तले राज्य भर के पंचायत सचिव जनपद मुख्यालय में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव के महज कुछ समय बाद सचिवों के आंदोलन में चले जाने से कामकाज ठप हो गया है। ऐसी कई योजनाएं हैं, जो प्रभावित हो रही है। जिसे देखते हुए बीते दिनों पंचायत सचिवों को काम पर लौटने 24 घंटे की मोहलत दी गई थी, लेकिन पंचायत सचिवों ने आदेश की प्रति जलाकर विरोध प्रदर्शन कर शासन के प्रयास को विफल कर दिया। उनकी मांगों पर चर्चा के लिए 26 मार्च को पंचायत मंत्री विजय शर्मा के साथ प्रांतीय पदाधिकारियों की बैठक रखी गई थी। बैठक में प्रांतीय अध्यक्ष उपेंद्र सिंह पैकरा के अगुवाई में पदाधिकारी पहुंचे थे। यह वार्ता भी विफल हो गया। प्रांतीय पदाधिकारियों ने बार बार समिति गठन किए जाने पर एतराज जताया। उन्होंने शासकीयकरण की मांग पूरी होने पर ही आंदोलन समाप्त करने का फैसला लिया। इसके साथ ही आंदोलन तेज करने का निर्णय ले लिया है। बताया जा रहा है कि आंदोलन को लेकिर रणनीति तैयार की गई है। जिसके तहत एक अप्रैल से जिला मुख्यालयों में पंचायत सचिव क्रमश: भूख हड़ताल, आमरण अनशन, चक्काजाम व जेल भरो आंदोलन करेंगे। इस आशय की सूचना मिलने के बाद जिले में भी आंदोलनरत पंचायत सचिवों ने प्रांतीय संगठन के आव्हान पर आंदोलन की तैयारी तेज कर दी है।

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Arvind Rathore


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