अलविदा मनोज कुमार जी …. — भारत संपर्क

0
अलविदा मनोज कुमार जी …. — भारत संपर्क

(डॉ. संजय अनंत)

वे भारतीयता के स्वर थे , उनकी बनाई फिल्मों में भारत की आत्मा बसती है, राष्ट्रवाद को परदे पर किसी ने पूरी तन्मयता के साथ, एक मिशन बना कर जिया है तो वो शख्स कोई और हो ही नहीं सकता
केवल और केवल मनोज कुमार
दरअसल दूसरों ने भी देशप्रेम से ओतप्रोत फिल्मे बनाई, पर जो जनता का प्यार मनोज कुमार साहब को मिला वो किसी दूसरे के नसीब नहीं..
इसका कारण है, उन्होंने भारत वर्ष को, उसकी संस्कृति को, उसके ग्रामीण स्वरुप को यथावत प्रस्तुत किया, उनकी फिल्मे कोई कलात्मक फिल्मे नहीं थी, बेहतरीन संगीत, भावनाओं का ज्वार भाटा, अच्छे डायलॉग और उनकी अपनी उम्दा एक्टिंग
फ़िल्म उपकार को याद करिये, उसके गीत मेरे देश की धरती सोना उगले 🎵🎵
पूरा ग्रामीण जीवन, खेत, हल, बैल सब कुछ.. इस फ़िल्म को 1968 का बेस्ट फ़िल्म, बेस्ट डायलॉग, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट एक्टर, बेस्ट स्टोरी यानि इस एक ही फ़िल्म. को कुल पांच फ़िल्म फेयर अवार्ड मिले
या पूरब पश्चिम को जिस में वे वेस्ट की सर्वनाश करने वाली सोच के समक्ष हमारी सनातन संस्कृति की श्रेष्ठता सिद्ध करते है
भारत का रहने वाला हु भारत की बात सुनाता हु 🎵🎵
मेरी अपनी व्यक्तिगत पसंद तो उनकी सब से उम्दा फ़िल्म शोर है , अब भी कभी टीवी पर आती है तो आँखे नम हो जाती है…
जिंदगी और कुछ नहीं
तेरी मेरी कहानी है 🎵🎵
क्रान्ति, शहीद या फिर रोटी कपड़ा और मकान सब की सब यादगार फिल्मे है
आज भी ज़ब भी कोई राष्ट्रीय पर्व होता है, उनकी ही फिल्मों के गीत सुनाई देते है, उस पर बच्चे आज भी स्टेज पर डान्स प्रस्तुत करते है.
एक लॉबी जो बाद में आई, जिसे भारत की आत्मा से, यहाँ की संस्कृति से चिढ़ थी, कुढ़न थी, उन्होंने मनोज कुमार साहब का मज़ाक बनाना चाहा , पर उनका कद बहुत ऊँचा है

वे आजीवन परदे पर शालीनता से सामने आए, यदि कोई दृश्य उनकी गरिमा के अनुकूल नहीं होता तो वे साफ मना कर देते..
उस दौर में बड़े नामी कलाकार थे, पर उनके मध्य रह कर मनोज कुमार साहब ने अपनी पहचान बनाई, देश के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा जी से अटल बिहारी तक.. वे सभी के लिए सम्मानित हस्ती रहें
2016 में वे देश के सब से बड़े फ़िल्म अवार्ड दादा साहेब फाल्के अवार्ड से नवाज़े गए..
अब सार्वजनिक जीवन में कम ही दिखाई देते है, उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रभु से प्रार्थना
वे सच्चे अर्थो में भारतीय रुपहले परदे के भारत कुमार थे।

डॉ.संजय अनंत©


Post Views: 2

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

वेस्ट मटेरियल से मथुरा में कृष्ण लोक पार्क तो अयोध्या में बनेगा लवकुश पार्क… – भारत संपर्क| बिहार: ख्याली का पुलाव न पकाएं तेजस्वी यादव… महागठबंधन की बैठक पर जीतन…| सालों से कान का दर्द झेल रहा था शख्स, एक दिन अचानक निकली वो चीज जिसकी डॉक्टर को भी…| CSK में अचानक हुई नए खिलाड़ी की एंट्री, 81 मैच में ठोक चुका 123 छक्के – भारत संपर्क| कर्व्ड डिस्प्ले वाला Infinix Note 50s 5G+ लॉन्च, 64MP कैमरा के साथ मिलेंगे AI… – भारत संपर्क