अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के बड़े विवि भारत में खोलेंगे कैंपस,…

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अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के बड़े विवि भारत में खोलेंगे कैंपस, संसदीय रिपोर्ट में बताया गया ये सच

विदेशी यूनिवर्सिटीज जल्द ही भारत में अपना विवि खोलने वाली हैं.

अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के बड़े विवि भारत में अपना कैंपस खोलेंगे. इनमें हार्वर्ड येल, प्रिसंटन जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय शामिल हैं, हालांकि अभी तक एक भी विवि ने भारत में अपने कैंपस नहीं खोले हैं. स्ंसदीय समिति ने रिपोर्ट में निवेदन किया है कि सरकार को इस दिशा में और प्रयास करने चाहिए.

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली इस समिति ने राज्यसभा में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में यह बात कही. रिपोर्ट में बताया गया कि हाल के वर्षों में विदेशी विश्वविद्यालयों द्वारा भारत में कैंपस खोलने में रुचि दिखाई गई है. इसकी वजह भारत में छात्रों की बड़ी संख्या और सरकार की ओर से संयुक्त डिग्री और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने की कोशिशें हैं.रिपोर्ट में कहा गया, भारत में अभी तक आइवी लीग जैसे प्रमुख वैश्विक संस्थानों या न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी, कार्नेगी मेलन जैसे शीर्ष विश्वविद्यालयों के कैंपस नहीं खुले हैं.समिति ने सिफारिश की कि शिक्षा मंत्रालय को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारतीय छात्रों को विश्व स्तरीय शैक्षणिक संसाधनों तक पहुंच मिले. इसके लिए ऐसे प्रतिष्ठित विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में अपने कैंपस खोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.

आइवी लीग में शमिल हैं ये विवि

आइवी लीग अमेरिका के कुछ प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों का समूह है जिसमें हार्वर्ड, येल, प्रिंसटन और कोलंबिया जैसे संस्थान शामिल हैं.यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) ने 2023 में भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस खोलने और संचालन को लेकर नियम बनाए थे. इसके बाद ब्रिटेन का साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय भारत में कैंपस खोलने की प्रक्रिया में है, जबकि ऑस्ट्रेलिया के डीकिन और वोलोंगोंग विश्वविद्यालय पहले से गुजरात के गिफ्ट सिटी में कैंपस स्थापित कर चुके हैं. इसके अलावा क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलफास्ट और कोवेंट्री यूनिवर्सिटी को भी गिफ्ट सिटी में कैंपस खोलने की अनुमति मिल गई है. हालांकि अभी तक कोई भी अमेरिकी विश्वविद्यालय भारत में कैंपस नहीं खोल पाया है.

2018 में हुई थी स्टडी इन इंडिया की शुरुआत

समिति ने यह भी बताया कि ‘स्टडी इन इंडिया’ (SII) कार्यक्रम की शुरुआत 2018 में हुई थी. इसका उद्देश्य विदेशी छात्रों को आकर्षित कर भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाना है.रिपोर्ट के अनुसार, उच्च शिक्षा विभाग दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीकी देशों के छात्रों पर खास ध्यान दे रहा है. इसके लिए यूजीसी ने नियम जारी किए हैं, जिनके तहत विदेशी छात्रों के लिए 25% तक अतिरिक्त सीटें बनाई जा सकती हैं. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय कार्यालय और पूर्व छात्र नेटवर्क स्थापित करने के लिए भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं.यह योजना अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस समेत 28 देशों को ध्यान में रखकर बनाई गई है.

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