यूरोप में दम दिखाने के बाद लौटे भारत के युवा फुटबॉलर्स, ऑस्ट्रियाई राजदूत न… – भारत संपर्क

बच्चों का किया स्वागत
भारत में ऑस्ट्रिया की राजदूत कैथरीना विसर ने सोमवार को TV9 नेटवर्क के ऐतिहासिक फुटबॉल अभियान ‘इंडियन टाइगर्स एंड टाइग्रेसेस’ की सराहना करते हुए यूरोप से लौटे युवा फुटबॉलर्स का स्वागत किया. इस कार्यक्रम के तहत चुने गए 28 होनहार खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रिया और जर्मनी में शानदार प्रदर्शन किया, जिसके बाद उन्हें भारत में खेल मंत्री मनसुख मंडाविया और ऑस्ट्रियाई दूतावास द्वारा सम्मानित किया गया.
ऑस्ट्रिया से लौटने पर बच्चों का जोरदार स्वागत
इस लैंडमार्क फुटबॉल टैलेंट हंट प्रोग्राम का समापन युवा खिलाड़ियों के यूरोप दौरे के साथ हुआ, जहाँ उन्होंने जर्मन क्लब VfB स्टटगार्ट के अकादमी कोचों के सामने अपना हुनर दिखाया. 28 में से चार बच्चों को जर्मनी के MHP एरिना में स्टटगार्ट की अंडर-12 टीम के साथ 2 दिन के विशेष प्रशिक्षण का मौका मिला.
भारत लौटने पर केंद्रीय खेल मंत्री मंडाविया ने इन युवा प्रतिभाओं से मुलाकात की और 2036 ओलंपिक व फीफा विश्व कप के लिए प्रेरित किया. इसके बाद ऑस्ट्रियाई दूतावास में राजदूत विसर ने बच्चों की जमकर तारीफ की.
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राजदूत विसर ने कहा, “मैंने YouTube पर इन बच्चों के मैच और प्रशिक्षण के वीडियो देखे, जिससे मेरा इनसे भावनात्मक जुड़ाव हो गया. मैं तब भी मौजूद थी जब PM मोदी ने इन्हें विदाई दी थी. ऑस्ट्रिया के ग्मुंडेन में ठंड के बावजूद इन्होंने जिस मेहनत से प्रैक्टिस की, वह काबिले-तारीफ है.”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने हर बच्चे से बात की और सुना कि उन्हें ऑस्ट्रिया का अनुभव कितना पसंद आया. इस कार्यक्रम की खास बात यह है कि इसमें लड़के और लड़कियों दोनों को बराबर मौका मिला. मुझे खुशी है कि ऑस्ट्रिया इस मुहिम का हिस्सा बना.”
विसर ने TV9 नेटवर्क को इस अनूठी पहल के लिए बधाई दी और कहा कि यह कार्यक्रम खेलों के माध्यम से भारत-ऑस्ट्रिया संबंधों को मजबूत करेगा और ग्मुंडेन के पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।
50,000 से 28 खिलाड़ियों तक का सफर
अप्रैल 2024 में शुरू हुए इस अभियान को दुनिया के सबसे बड़े फुटबॉल टैलेंट हंट का दर्जा मिला, जिसमें 12-14 और 15-17 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को मौका दिया गया. 50,000 रजिस्ट्रेशन में से 10,000 बच्चों को रीजनल ट्रायल के लिए चुना गया, लेकिन अंततः केवल 28 प्रतिभाशाली खिलाड़ी ही ऑस्ट्रिया और जर्मनी जाने में कामयाब रहे.
इन युवा सितारों को 28 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने WITT समिट में आशीर्वाद दिया था. TV9 के CEO बरुण दास ने इस मौके पर कहा था, “स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरित होकर हमने यह अभियान शुरू किया। फुटबॉल जैसा टीम स्पोर्ट्स बच्चों को अनुशासन और एकजुटता सिखाता है.”
यूरोपियन कोचिंग ने बदली जिंदगियां
इस प्रोग्राम के तहत भारतीय बच्चों को विश्व स्तरीय कोचिंग और यूरोपियन अकादमियों में प्रशिक्षण का अनूठा मौका मिला. ऑस्ट्रिया में उन्होंने ग्मुंडेन फुटबॉल अकादमी के खिलाफ मैच खेले, जहाँ लड़कों की U-15 टीम ने 7-0 से जीत दर्ज की.
अब ये युवा फुटबॉलर्स भविष्य में भारत को फीफा विश्व कप तक पहुँचाने का सपना संजोए हुए हैं. TV9 नेटवर्क के इस प्रयास ने न सिर्फ खेल प्रतिभाओं को मंच दिया, बल्कि खेल कूटनीति के नए द्वार भी खोले हैं.