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पीएम को मोदी की गारंटी पूरी करने पंचायत सचिवों ने की पदयात्रा, शासकीयकरण की मांग को लेकर प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
कोरबा। प्रदेश भर के पंचायत सचिवों ने अपनी एक सूत्रीय मांग शासकीयकरण को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है। दो से छह अप्रैल तक जनपद स्तर पर आंदोलन के बाद सोमवार को सचिवों ने पदयात्रा कर प्रधानमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। तपती दोपहरी में सैकड़ों पंचायत सचिवों ने घंटाघर से रैली निकाली। जहां कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान पंचायत सचिवों के हाथों में मांगों की तख्तियां थी। प्रदेश पंचायत सचिव संघ के बैनर तले सचिव शासकीयकरण की मांग को लेकर आवाज बुलंद कर रहे हैं। इस संबंध में संघ के अध्यक्ष जयपाल सिंह कंवर ने बताया कि विधानसभा चुनाव में मोदी की गारंटी के तहत पंचायत सचिवों के शासकीयकरण का वादा किया गया था। पंचायत सचिवों को दी गई गारंटी अब तक पूरी नहीं हुई है। जिसके कारण सचिवों को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि पंचायत सचिव विगत 30 वर्षों से पंचायतों में सेवा दे रहे हैं। मोदी की गारंटी को पूर्ण किए जाने के संबंध में 7 जुलाई 2024 को इंडोर स्टेडियम रायपुर के सभागार में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, उपमुख्यमंत्री, महिला व बाल विकास विभाग मंत्री तथा घोषणा पत्र के संयोजक की उपस्थिति में सचिवों को अतिआवश्यक मानते हुए शासकीयकरण करने का भरोसा दिलाया गया था। मुख्यमंत्री द्वारा तत्काल कमेटी गठन करते हुए आश्वस्त किया गया था। घोषणा के अनुरूप 16 जुलाई को पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग द्वारा समिति गठन कर 30 दिवस के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने उल्लेख किया गया था। आदेश के परिपालन में कमेटी द्वारा सचिवों के शासकीयकरण के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया है। सचिवों को बजट में बजट सत्र में शासकीयकरण प्रदान किए जाने की उम्मीद थी। शासकीयकरण पर पहल नहीं होने से नाराज सचिवों ने आंदोलन की शुरुआत कर दी है। पदयात्रा में बड़ी संख्या में पंचायत सचिव शामिल थे। ग्राम पंचायतों में काम करने वाले पंचायत सचिवों की हड़ताल जारी है। नवनिर्वाचित सरपंचों को अधिकार और शक्तियां नही मिल पाई है। इससे गांवों का मूलभूत व्यवस्था गड़बड़ा गई है। न पेयजल सही तरीके से मिल रहा है न ही साफ- सफाई व्यवस्था दुरुस्त हो रहे और न ही अन्य काम हो रहे है। ऐसे में ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मोदी की गारंटी में चुनाव पूर्व पंचायत सचिव को शासकीयकरण किये जाने के वादे को पूर्ण कराने प्रदेश पंचायत सचिव संघ के आह्वान पर जिले के सचिव अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। जिससे पंचायतों में कामकाज ठप्प है और ग्रामीण परेशान हो रहे हैं। पीएम आवास, मनरेगा, पेंशन वितरण, पेयजल व्यवस्था, साफ- सफाई, जन्म- मृत्यु प्रमाणपत्र समेत पंचायतों के अन्य मूलभूत कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो चले हैं। बता दें कि जिले में 17 से 23 फरवरी तक 3 चरणों मे पंचायत आम चुनाव सम्पन्न हुआ। इसके बाद 3 मार्च से निर्वाचित सरपंचों का शपथ ग्रहण और 17 मार्च से पंचायतों के सचिव हड़ताल पर चले गए। सरपंचों को कार्यभार भी नही सौंपा गया। जिसका असर गांवों में नजर आने लगा है। पंचायतों में सामान्य काम नही हो पा रहे है और ग्रामीणों के मूलभूत सुविधाएं प्रभावित होने के साथ सरकारी योजनाओं को आगे बढ़ाने में दिक्कत हो रही है।