सहकारी बैंक की नई शाखा नहीं खुलने से अन्नदाता परेशान, रकम…- भारत संपर्क

सहकारी बैंक की नई शाखा नहीं खुलने से अन्नदाता परेशान, रकम निकालने ग्रामीणों को लगानी पड़ रही लंबी कतार
कोरबा। सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखाओं में किसानों की लंबी कतार लग रही है। इस समस्या को दूर करने बैंक प्रबंधन भी ध्यान नहीं दे रहा है। कोरबा, पाली, बरपाली , कटघोरा में सबसे अधिक भीड़ लगती है। हरदी बाजार में भी यही हाल है। घंटों धूप में खड़े रहने के बाद भी किसानों को पूरी रकम नहीं मिल पाती । जिसके कारण कई बार बैंक का चक्कर काटना पड़ता है।जिला सहकारी बैंक में नई शाखा खोलने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन अभी तक रिजर्व बैंक से मंजूरी नहीं मिल पाई है। बैंकों में ना तो काउंटर बढ़ाए जा रहे हैं और न ही अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति की जा रही है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने के बाद किसानों को एक साथ राशि नहीं मिल पाती है। यही नहीं, कोरबा शाखा में भी किसान सुबह 8 बजे से ही बैंक पहुंच जाते हैं। बैंक खुलने के बाद राशि मिल जाए यह भी संभव नहीं रहता। बैंकों ने इसके लिए यह सिस्टम बनाया है कि समिति के हिसाब से दिन निर्धारित है।इसके बाद भी पर्याप्त राशि नहीं मिल पाती। बक्साही के किसान रामधन गोड़ ने बताया कि पाली बैंक में कई किसान तो रात में ही पहुंच जाते हैं। धान बिक्री किए 3 महीने से अधिक समय हो गया लेकिन पर्याप्त राशि नहीं मिल पाती। किसानों ने बताया कि धान बिक्री करने के बाद पैसा निकालने के लिए अव्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है। यह समस्या हर साल होती है। इसके बाद भी बैंक प्रबंधन ध्यान नहीं देता। किसानों की परेशानी को लेकर अभी तक कोई उपाय नहीं किए गए हैं। बैंकों में 25 हजार तक लिमिट रखी जाती है। जिसके कारण कई बार बैंक आने की मजबूरी है। सहकारी समितियों में धान बेचने वाले किसानों को दूसरे बैंकों में सुविधा नहीं सहकारी समितियों में धान बेचने के लिए किसानों को जिला सहकारी बैंक में ही खाता खुलवाना होता है। इसकी वजह से ही किसानों को परेशानी होती है। अगर दूसरे बैंकों में खाता खोलने की सुविधा मिले तो यह परेशानी कम हो सकती है। सहकारी बैंक ने एटीएम की भी शुरुआत की है लेकिन उसका फायदा भी अधिक लोगों को नहीं मिलता।