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कम कोयला उत्पादन को लेकर केंद्रीय मंत्री ने किया जवाब तलब, एसईसीएल के प्रदर्शन से नाराज दिखे मंत्री रेड्डी
कोरबा। केन्द्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी का पहली बार एसईसीएल गेवरा आगमन हुआ। इस दौरान उन्होंने खदान का अवलोकन करने के साथ ही अधिकारियों से कामकाज को लेकर चर्चा की। कंपनी के उत्पादन में पिछडऩे के कारणों की चर्चा के साथ भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की गई। इस संबंध में अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की गई। खदान निरीक्षण के बाद कोल इंडिया के अधिकारियों से भी कम उत्पादन को लेकर जवाब मांगा गया। बताया जा रहा है कि एसईसीएल के कोयला उत्पादन में आई भारी गिरावट को लेकर मंत्री नाराज हुए हैं। मंत्री का एसईसीएल दौरा भी इसी के मद्देनजर रहा। उन्होंने एसईसीएल के मेगा प्रोजेक्ट्स के प्रोडक्शन में आई कमी को लेकर अफसरों से चर्चा की है।मीडिया से अनौपचारिक चर्चा के दौरान भी कोयला मंत्री ने गेवरा खदान के उत्पादन में आई कमी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इसको लेकर सीआईएल और एसईसीएल के उच्च अधिकारियों से जवाब तलब किया जाएगा। यहां बताना होगा कि कोयला मंत्रालय 2029- 30 तक डेढ़ बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य लेकर चल रहा है। इस लक्ष्य को पूरा करने में कोल इंडिया की खदानों को पूरी क्षमता के साथ उत्पादन करना होगा। एमसीएल के बाद एसईसीएल देश की दूसरी बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है। 2024- 25 में एसईसीएल का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। तीनों मेगा प्रोजेक्ट्स गेवरा, कुसमुंडा, दीपका उत्पादन लक्ष्य से पिछड़ गए। एसईसीएल ने 206 मिलियन टन के टारगेट के मुकाबले 167.49 मिलियन टन उत्पादन दर्ज किया। सबसे अधिक माइनस ग्रोथ कुसमुंडा माइंस का रहा। यहां से 52 मिलियन टन के मुकाबले 28.43 मिलियन टन की उत्पादन किया जा सका। गेवरा से 63 मिलियन टन के लक्ष्य के मुकाबले 56.03 मिलियन टन और दीपका माइंस से 40 मिलियन टन के मुकाबले 33.53 मिलियन टन कोयला उत्पादन दर्ज हुआ। कहा जा रहा है कि एसईसीएल और मेगा प्रोजक्ट्स के कुप्रबंधन के कारण खराब प्रदर्शन हुआ है।