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सुशासन के लिए मिले 5843 आवेदन, समाधान की तैयारी, सोमवार से शुरू होगा दूसरा चरण, आवेदन पत्रों की जांच कर किया जाएगा निराकरण
कोरबा। सुशासन तिहार के अंतर्गत जिले में समाधान पेटी के माध्यम से आवेदन लिए गए। नगर निगम क्षेत्र में इसे लेकर खासा उत्साह देखा गया। चार दिवसीय शिविर में नगर निगम क्षेत्र में 5843 आवेदन किए गए। निगम प्रशासन द्वारा अब इन आवेदनों के निराकरण की तैयारी की जा रही है। चार दिनों में कोरबा शहर में रहने वाले लोगों ने विभिन्न मांगों जैसे कांक्रिट सडक़, स्ट्रीट लाइट, पीएम आवास, शौचालय आदि की मांग को लेकर बड़ी संख्या में आवेदन दिया है। कोरबा शहर में ही 5843 लोगों ने अपनी अर्जी नगर निगम को दी है।अभियान का दूसरा चरण सोमवार से प्रारंभ हो रहा है। इसके तहत प्राप्त आवेदन पत्रों की जांच कर निराकरण किया जाएगा। तीसरे चरण में पांच मई से वार्डों में समाधान शिविर लगाए जाएंगे। प्रदेश सरकार के निर्देश पर कोरबा नगर निगम में सुशासन तिहार के दौरान अलग-अलग जोन कार्यालय में शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर आठ से 11 अप्रैल तक चला। इस अवधि में लोगों ने अपनी मांग और शिकायतों को लेकर आवेदन जोन कार्यालय में जमा किया हुआ है। नगर निगम की ओर से आवेदन पत्रों को ऑनलाइन एंट्री का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। कोरबा शहर के साथ-साथ नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में भी अपनी समस्याओं और शिकायतों को लेकर लोगों ने विभाग के पास ढेरों आवेदन जमा किया है। कटघोरा क्षेत्र में सबसे अधिक आवेदन पेयजल, पीएम आवास और वार्डों की साफ-सफाई को लेकर दिया गया है। लोगों की ओर से स्ट्रीट लाइट की भी मांग की गई है। साथ ही महतारी वंदन योजना के लिए भी अर्जियां लगाई गई है। इस योजना से वंचित महिलाओं ने प्रदेश सरकार से इस योजना के लाभ की मांग की है। इसी तरह की मांगें नगर पालिका परिषद बांकीमोंगरा और दीपका से भी सामने आई है। बांकीमोंगरा में 415 और दीपका क्षेत्र से 315 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
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गांव में शराब दुकान खोलने की मांग
छत्तीसगढ़ शासन का सुशासन तिहार शिविर 8 से 11 अप्रैल के मध्य आयोजित हुआ। शिविर के दौरान ग्रामीणों ने अपने क्षेत्र से संबंधित मांगों को प्रमुखता से रखते हुए समाधान करने की अपील सरकार से की है। इस कड़ी में एक अजीबोगरीब मांग पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड के ग्राम पंचायत जलके से रमेश ने की है। इन्होंने गांव जलके में शराब दुकान खोलने का आग्रह मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से किया है। इसी तरह वीरेंद्र सिंह मरकाम ने हाथी प्रभावित ग्राम वासियों के लिए मांग करते हुए छत्तीसगढ़ शासन के वन विभाग से आग्रह किया है कि वर्ष 2017 से कटघोरा वनमण्डल में हाथियों की संख्या और उनका आतंक कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। पशुओं और हाथियों के द्वारा जान-माल को काफी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। उनकी सुरक्षा के साथ-साथ ग्रामीणों की सुरक्षा जरूरी है। फसल का नुकसान क्षतिपूर्ति राशि प्रति हेक्टेयर 70000 रुपये करने के साथ-साथ हाथियों और जंगली जानवरों से बचाव के लिए झटका तार लगवाने की मांग सरकार से की गई है।