दुनिया का सबसे बड़ा घुमक्कड़ी, जिसने बिना हवाई जहाज के नाप लिए 203 देश


सारी दुनिया घूम चुका है ये बंदा
दुनिया में घुमक्कड़ लोगों की कोई कमी नहीं है. कई घुमक्कड़ी तो ऐसे हैं जो अपने शौक के चलते ऐसी-ऐसी जगह घूम आते हैं, जहां जाने के लिए लोगों को दस बार से ज्यादा सोचना पड़ता है. वहीं कुछ लोग होते हैं जो एक सनक लेकर अपनी यात्रा को शुरू करते हैं. वैसे क्या आप जानते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा घुमक्कड़ी इंसान कौन है? अगर नहीं तो आज हम आपको उसके बारे में बताते हैं…ये बंदा इसलिए खास है क्योंकि इसने अपने कदमों से ही सारी दुनिया को नाप लिया है! हैरानी की बात तो ये है कि इन्होंने कभी अपनी यात्रा के लिए हवाई जहाज का सहारा नहीं लिया.
सुनने में आपको ये बात थोड़ी अजीब जरूर लग रही होगी लेकिन ये बात पूरी तरीके से एकदम सच है. हम बात कर रहे हैं डेनमार्क के रहने वाले थॉर पेडर्सन (Thor Pedersen) के बारे में, जिन्होंने ये अनोखा कारनामा किया है. डेली स्टार न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार इन्होंने दुनिया के लगभग 203 देशों की यात्रा की है. उनका कहना है कि उन्होंने इस यात्रा के लिए जहाजों का सहारा लिया, ट्रेन का सहारा लिया, गाड़ियों से यात्रा की पर प्लेन से किसी दूसरे देश नहीं गए.
कैसे घूम लिए इतने देश?
आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि अगर दुनिया में 195 देश है तो कोई 203 देशों की यात्रा कैसे कर सकता है. बता दें कि 195 वो देश हैं जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त हैं. इसके अलावा वैटिकन और पैलेस्टीन दो गैर सदस्य देश हैं. हालांकि इसके अलावा कुछ देश हैं, जिन्हें मान्यता तो प्राप्त नहीं है लेकिन फिर भी दुनिया में मौजूद है. इसमें वेस्टर्न सहारा, तायवान आदि जैसी जगह शामिल हैं जो इसे 203 देश बनाते हैं. इतने जुनूनी एक्सपीरियंस को करने के बाद बंदे ने बताया उसका सबसे पसंदीदा देश कौन सा है.
शख्स ने बताया कि मैंने इतने देशों में सफर किया लेकिन मुझे सबसे प्यारा देश क्यूबा लगा ये देश अपने में अलग दुनिया है क्योंकि ये किसी दूसरे देश जैसा बिल्कुल भी नहीं दिखता है. थॉर ने कहा कि अगर किसी को जीवन की खूबसूरती देखनी है तो वो जल्द से जल्द क्यूबा जाए इस देश में काफी विंटेज गाड़ियां चलती हैं, सालसा म्यूजिक, लोग सिगार पीते हैं और जिंदगी का मजा लेते हैं. इनकी यात्रा को लेकर जब समय की बात की गई तो इन्होंने बताया कि करीब 10 साल पहले (2013) अपनी यात्रा की शुरुआत की थी, उनका मन था कि वो 4 सालों में अपनी यात्रा पूरी कर लें. हालांकि कई देशों में राजनीतिक उथलपुथल, और कोरोनावायरस महामारी के कारण यात्रा में काफी देरी का सामना करना पड़ा.