क्या AC, वॉशिंग मशीन की तरह स्मार्टफोन को भी मिलेगी रेटिंग, क्या है सरकार का… – भारत संपर्क


Smartphone Get Star Rating
जब भी हम कोई नया एयर कंडीशनर (AC), फ्रीज, वॉशिंग मशीन या गीजर खरीदते हैं, तो अक्सर उसकी स्टार रेटिंग देखते हैं. 5-स्टार रेटिंग वाले प्रोडक्ट्स का मतलब होता है कि वो कम बिजली खपत करते हैं और ज्यादा सेविंग करते हैं. अब सोचिए अगर हमारे स्मार्टफोन भी 5-स्टार रेटिंग के साथ आने लगें, तो क्या फायदे होंगे? इसके लिए सरकार का क्या प्लान है और इससे आपको क्या फायदा होगा.
क्या है सरकार का प्लान?
भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ ब्यूरो एंड एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) की प्लानिंग है कि फ्यूचर में स्मार्टफोन जैसे गैजेट्स को भी स्टार रेटिंग सिस्टम में लेकर आया जाए. इस सिस्टम में फोन की बैटरी परफॉर्मेंस, पावर कंजम्पशन, और चार्जिंग एफिशिएंसी के बेस पर स्टार रेटिंग दी जाएगी.
ऐसे में जल्द ही भारत में स्मार्टफोन और टैबलेट पर रिपेयरबिलिटी रेटिंग दिखाई दे सकती है. जानकारी के मुताबिक, सरकारी कमेटी ने मंत्रालय को इसकी रिपोर्ट सौंपी है. इस रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि जैसे फ्रिज या एसी पर एनर्जी रेटिंग दी जाती है, वैसे ही मोबाइल डिवाइसेज पर ये बताया जाए कि उन्हें कितना आसानी से रिपेयर किया जा सकता है.
क्या होगी ‘रिपेयरबिलिटी रेटिंग’?
इस रेटिंग से कसट्मर्स को ये पता चल सकेगा कि किसी स्मार्टफोन को सर्विस सेंटर में ठीक कराना आसान है या मुश्किल. इसमें ये भी देखा जाएगा कि उस फोन के पार्ट्स कितनी आसानी से मिलते हैं. उनकी कीमत क्या है और रिपेयरिंग में कितना वक्त लगता है.
क्या होगा फायदा?
- कम बिजली खर्च: 5-स्टार रेटिंग वाले स्मार्टफोन कम इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूम करेंगे, जिससे महीने के बिजली बिल में भी फर्क पड़ेगा.
- बेहतर बैटरी बैकअप: ऐसे फोन ज्यादा पावर सेविंग मोड पर चलेंगे और बैटरी ज्यादा देर चलेगी.
- इको-फ्रेंडली ऑप्शन: एनर्जी एफिशिएंट डिवाइस पर्यावरण के लिए बेहतर होते हैं और कार्बन एमिशन कम करते हैं.
- खरीदारी में सुविधा: लोगों को ये तय करने में आसानी होगी कि कौन-सा फोन ज्यादा पावर-सेविंग है.
क्यों लिया सरकार ने ये फैसला?
शुरुआत में रिपेयरबिलिटी रेटिंग केवल स्मार्टफोन और टैबलेट पर ही शुरू किया जाएगा. लेकिन संभावना है कि फ्यूचर में लैपटॉप, डेस्कटॉप और बाकी गैजेट्स को भी रेटिंग सिस्टम में जोड़ा जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, कस्टमर हेल्पलाइन पर इस बारे में 20,000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई हैं जिसके बाद ये कदम उठाया गया.