जिनकी बायोमेट्रिक नहीं हुई वो भी प्रेजेंट, एनटीए का दावा, लेकिन परेशानियों के…

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जिनकी बायोमेट्रिक नहीं हुई वो भी प्रेजेंट, एनटीए का दावा, लेकिन परेशानियों के…
जिनकी बायोमेट्रिक नहीं हुई वो भी प्रेजेंट, एनटीए का दावा, लेकिन परेशानियों के लिए जिम्मेदार कौन?

NEET UG 2025 परीक्षा Image Credit source: Getty Images

NEET UG में बायोमेट्रिक न होने से रविवार को छात्र छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ा. खास तौर से दिल्ली और हरियाणा के कुछ परीक्षा केंद्रों पर इस तरह की शिकायत सामने आई. बायोमेट्रिक न होने पर छात्रों को एडमिट कार्ड से एग्जाम हॉल में प्रवेश तो दे दिया गया, लेकिन बायोमेट्रिक न होने से छात्र ऊहापोह में नजर आए.छात्रों का कहना था कि बायोमेट्रिक न होने की वजह से उन्हें अबसेंट माना जाएगा.हालांकि NTA की ओर से देर शाम ये साफ कर दिया गया कि जिन छात्रों की बायोमेट्रिक नहीं हुई वो भी प्रजेंट माने जाएंगे.

NEET UG का आयोजन रविवार को देश भर के 5 हजार से ज्यादा केंद्रों पर हुआ. दिल्ली के जहांगीरपुरी गर्वनमेंट सीनियर सेकेंड्री गर्ल्स कॉलेज में भी इसका सेंटर था, जहां पहुंचे छात्र छात्राओं से यह कह दिया गया कि बायोमेट्रिक खराब है. परीक्षा के बाद भी जब उनका बायोमेट्रिक नहीं हुआ तो छात्रों ने केंद्र प्रभारी को घेर लिया और उनसे जवाब मांगा.देर रात तक यह सिलिसला चलता रहा. बाद में NTA की ओर से साफ किया गया कि जिन छात्रों का बायोमेट्रिक नहीं हो सका है, उन्हें भी प्रेजेंट मान लिया जाएगा. हालांकि परीक्षा शुरू होने से लेकर देर रात तक छात्र असमंजस में रहे.उनका मानना यही था कि उन्हें अबसेंट मान लिया जाएगा और रिजल्ट रोक दिया जाएगा.

मानी जाएगी अटेंडेंस

NEET UG में बायोमेट्रिक स्कैन न होने की शिकायतों पर NTA की ओर से कहा गया कि बच्चों ने बायोमेट्रिक और ईकेवाईसी फॉर्मेट को एंट्री के लिए चुना था. जो बच्चों ने ईकेवाईसी से अप्लाई किया था उनकी एंट्री ओटीपी से की गई जो मान्य है, जिन्होंने इस ऑप्शन को नहीं चुना था उनकी अटेंडेंस के लिए बायोमेट्रिक विकल्प था, हालांकि इसके खराब होने की वजह से जो बच्चे सीसीटीवी में नजर आए हैं उनकी अटेंडेंस मार्क मानी जाएगी.इसीलिए छात्र छात्राओं को इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है.

होलोग्राम भी लगाया गया

NTA की ओर से देर शाम ये भी साफ कहा गया कि जिन बच्चों का बायोमेट्रिक नहीं हो पाया है, उनके नाम के आगे अलग से एक होलोग्राम लगाया गया है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चे परीक्षा के दौरान उपस्थित रहे थे. इसीलिए जिन बच्चों का बायोमेट्रिक नहीं हुआ है, उन्हें भी परेशान होने की जरूरत नहीं है, न तो उन्हें अबसेंट माना जाएगा और न ही उनका रिजल्ट रोका जाएगा.

बच्चों को हुई परेशानी का जिम्मेदार कौन?

परीक्षा केंद्रों पर बायोमेट्रिक स्कैन न होने के चलते दिल्ली के कई परीक्षा केंद्रों पर छात्रों को परेशान होना पड़ा. 5 बजे परीक्षा खत्म होने के बावजूद ये छात्र सेंटर पर ही डटे रहे, ताकि उन्हें कोई ठोस जवाब मिल सकें, मगर केंद्र प्रभारी उन्हें किसी तरह का आश्वासन नहीं दे सके. खास तौर से दिल्ली के जहांगीरपुर गर्वनमेंट सीनियर सेकेंड्री कॉलेज में छात्रों को यह कहकर केंद्र से बाहर निकाल दिया गया कि अटेंडेंस मान्य हेा जाएगी, हालांकि जब छात्रों ने रिटेन में ये मांगा तो सेंटर प्रबंधन पीछे हट गया.

देर रात NTA की तरफ से ये साफ किया गया कि अटेंडेंस बिना बायोमेट्रिक के भी मान्य हो जाएगी, इसके बाद ही छात्रों को राहत मिली, लेकिन परीक्षा से लेकर देर रात तक वह जिस तरह के असमंजस और भविष्य की चिंता में रहे वह एक मानसिक परेशानी की तरह बनी रही. छात्रों का भी कहना था कि अगर ऐसा था तो एनटीए को पहले ही साफ कर देना चाहिए. इतनी बड़ी परीक्षा में इस तरह की लापरवाही का जिम्मेदार कौन है? अगर एनटीए ने यह फैसला लिया तो इसके बारे में समय से सूचना दे देनी चाहिए थी.

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