माइक्रोसॉफ्ट ने बंद किया Skype, क्यों लिया इतना बड़ा फैसला? – भारत संपर्क

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माइक्रोसॉफ्ट ने बंद किया Skype, क्यों लिया इतना बड़ा फैसला? – भारत संपर्क
माइक्रोसॉफ्ट ने बंद किया Skype, क्यों लिया इतना बड़ा फैसला?

Microsoft का बड़ा फैसला

माइक्रोसॉफ्ट ने 5 मई 2025 को अपने पॉपुलर वीडियो कॉलिंग ऐप Skype को हमेशा के लिए बंद करने का ऐलान किया है. ये फैसला कई कारणों से लिया गया है, जिनमें कंपटीशन, टेक्नोलॉजी में बदलाव और कंपनी की पॉलिसी प्रायोरिटी शामिल हैं. यहां इसके पीछे की पूरी कहानी पढ़ें. इसके बाद आप बेहतर जान सकेंगे कि आखिर कंपनी ने इतना बड़ा फैसला एक झटके में कैसे और क्यों लिया.

क्या है Skype की हिस्ट्री?

Skype की शुरुआत 2003 में एस्टोनिया में हुई थी. इसने इंटरनेट के जरिए मुफ्त वॉयस और वीडियो कॉलिंग की सुविधा दी. ये उस समय एक क्रांतिकारी कदम था. 2005 में eBay ने इसे $2.6 बिलियन (करीब 22 हजार करोड़ रुपये) में खरीदा, और 2011 में माइक्रोसॉफ्ट ने इसे $8.5 बिलियन (करीब 7100 करोड़ रुपये) में खरीद लिया था. उस वक्त Skype के लगभग 150 मिलियन मंथली यूजर्स थे. लेकिन समय के साथ, इसकी पॉपुलैरिटी में गिरावट आई. 2020 तक, Skype के यूजर्स की संख्या घटकर लगभग 23 मिलियन रह गई.

कंपटीशन और टेक्नोलॉजिकल बदलाव

Skype का मुकाबला अब Zoom, Google Meet, WhatsApp, और Microsoft Teams जैसी प्लेटफार्म से था. ये प्लेटफॉर्म ज्यादा यूजर फ्रैंडली और बेहतर फीचर्स के साथ आते हैं. Skype को खासतौर पर डेस्कटॉप के लिए डिजाइन की गया था. अब स्मार्टफोन के जमाने में ये ज्यादा काम का नहीं रहा था. इसके अलावा, Skype में नए फीचर्स का डेवलपमेंट का काफी स्लो था. जिसकी वजह से यूजर्स बाकी प्लेटफॉर्म की तरफ रुख करने लगे थे.

माइक्रोसॉफ्ट की पॉलिसी: Teams पर फोकस

माइक्रोसॉफ्ट ने Teams नाम का एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया है जहां लोग आपस में बातचीत कर सकते हैं, वीडियो कॉल कर सकते हैं, साथ मिलकर काम कर सकते हैं और जरूरी फाइलें या जानकारी भी एक-दूसरे के साथ आसानी से शेयर कर सकते हैं. ये सब कुछ एक ही जगह पर किया जा सकता है. Skype के ज्यादातर फीचर्स और टूल्स जैसे मीटिंग होस्टिंग, कैलेंडर मैनेज, और कम्युनिटी फीचर्स ऑफर करता है. इसलिए, कंपनी ने Skype को बंद करने और Teams पर फोकस करने का फैसला लिया.

यूजर्स के पास हैं दो ऑप्शन

Microsoft Teams में माइग्रेट करें: यूजर्स अपने मौजूदा Skype क्रेडेंशियल्स का इस्तेमाल करके Teams में लॉग इन कर सकते हैं. इससे उनके Skype के चैट, कॉन्टैक्ट और कंवर्सेशन ऑटोमेटिकली Teams में ट्रांसफर हो जाएंगे.

डेटा ट्रांसफर करें: जो यूजर्स Teams में माइग्रेट नहीं करना चाहते, वे अपने Skype डेटा जैसे चैट, कॉन्टेक्ट और कॉल हिस्ट्री को ट्रांसफर कर सकते हैं.

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