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वाहनों में काले शीशे का फिर बढ़ा चलन, नहीं हो रही कार्रवाई, यातायात पुलिस का अभियान पड़ा ठंडा
कोरबा। भीषण गर्मी में लक्जरी कार व अन्य वाहनों में काला शीशा का चलन तेजी से बढ़ रहा है। लोग भीषण गर्मी में अपने वाहनों में काला शीशा का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं। इस काम के लिए न तो विभागों के अफसर नियमों का पालन कर रहे हैं और न ही पुलिस अफसर। यातायात विभाग काला शीशा जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति पूरा कर रहे हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट के नियमों के मुताबिक वाहनों में काला शीशा का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। काला शीशा के बढ़ते चलन को लेकर जिले में यातायात पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगा है। क्योंकि सडक़ों में बड़ी संख्या में वाहनों में काला शीशा का इस्तेमाल हो रहा है। इससे सुप्रीम कोर्ट के नियमों की धज्जियां उड़ रही है। पांच साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने काला शीशा को लेकर बड़ा नियम बनाया था। जिससें साफ उल्लेख किया गया था कि काला शीशा के आड़ में वाहनों के माध्यम से काले कारनामे किए जाते हैं। इससे अपराध को बढ़ावा मिलता है। जब नियम बना तो यातायात विभाग ने लगातार कार्रवाई की थी। सैकड़ों वाहनों से सभी थाना क्षेत्र की पुलिस ने समन शुल्क के रूप में लाखों रुपए वसूल की थी। धीरे धीरे इसकी चाल सुस्त पड़ गई और यातायात पुलिस ने अभियान चलाना ही बंद कर दिया। आखिरकार जिन्होंने अपनी लक्जरी कार व वाहनों से काला शीशा निकलवाया था उसे फिर लगवा लिया। जिसके चलते फिर से अपराध को बढ़ावा मिलने का अंदेशा है। यातायात विभाग ऐसे वाहनों को रोकने के बजाए नजर अंदाज कर रही है। यानी जांच के नाम पर यातायात पुलिस केवल खानापूर्ति कर रही है। जिसके चलते ऐसे वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है।