बेटा सेना में कर्नल, पिता 1965-71 का लड़ चुके युद्ध…पाक को ललकारा, बोले-…


रिटायर्ड वायुसेना अधिकारी अजीत सहाय
भारत पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर चलाया. इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया है, जिसमें करीब 100 आतंकियों की मौत हो गई है. भारतीय सेनाओं ने हमेशा पाकिस्तान के दांत खट्टे किए हैं. टीवी9 भारतवर्ष से बात करते हुए भागलपुर में रहने वाले वायुसेना के अधिकारी ने कहा कि हमें छेड़ेगा तो हम भी छोड़ेंगे नहीं.
बिहार के भागलपुर जिले के रहने वाले रिटायर्ड एयरफोर्स अधिकारी अजीत सहाय 1965 युद्ध और 1971 पाक युद्ध के गवाह रहे हैं. 1971 के युद्ध में वायुसेना के अधिकारी मेजर रहे भागलपुर के अजीत सहाय से Bharat Sampark ने खास बातचीत की है. उन्होंने Bharat Sampark के साथ 1971 की कहानियों को साझा किया. साथ ही कहा कि वर्तमान में सेना अच्छे हाथों में है पूर्व के सेनाओं के लिए भी सरकार ने बेहतर सोचा. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने कभी मारने पर भरोसा नहीं किया, हमारा स्वभाव प्यारा है.
‘हमें छेड़ेगा तो हम छोड़ेंगे भी नहीं’
हालांकि, उन्होंने कहा कि हमें छेड़ेगा तो हम छोड़ेंगे भी नहीं. अगर छोड़ देंगे तो कमजोर हो जाएंगे. हम कमजोर नहीं है हमको तंग मत करो. उन्होंने बताया कि आतंकवादियों को पनाह देने के कारण पाकिस्तान डेवलप नहीं हो सका. पाकिस्तान ने शॉर्टकट चुना है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान हमेशा से गलतियां करता रहा हैं. ऑपरेशन सिंदूर अच्छा फैसला है.अजीत सहाय ने कहा कि 1971 में जब युद्ध हो रहा था तब मैं वायुसेना में मेजर था.
34 साल तक वायुसेना में रहे अजीत सहाय
पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन पर था. वहां से पाकिस्तान पर काफी अटैक होते थे. हालात ऐसा बन गए थे कि हम लोगों पर अटैक हुआ था. हमने पर इस पर जवाबी कार्रवाई की थी. वर्तमान में सेना अच्छे फैसले ले रही है सेना अच्छे हाथों में. अजीत सहाय भागलपुर के इशाकचक के रहने वाले हैं, 34 साल तक वह वायुसेना में मेजर कर्नल से लेकर एयर कमोडोर के पद पर तैनात रहे. उसके बाद रिटायर हो गए थे. वर्तमान में अजीत सहाय के बेटे कर्नल संजित आगरा में थल सेना कर्नल है. उन्होंने कारगिल युद्ध में भी भारत की ओर से लड़ाई लड़ी है.