बिना एनओसी में चल रहा था निर्माण कार्य, प्रशासन की टीम ने…- भारत संपर्क

बिना एनओसी में चल रहा था निर्माण कार्य, प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंच कर काम रुकवाया
कोरबा। एसईसीएल कोरबा के हेलीपैड (मुड़ापार) स्थित ग्रीन जोन नर्सरी में हरे-भरे विशाल पेड़ों की कटाई और अवैध कब्जा कर पक्का निर्माण कराए जाने के मामले में कलेक्टर ने संज्ञान लिया। उन्होंने तत्काल निर्देश देते हुए मौके पर कोरबा एसडीएम, पटवारी और राजस्व, निगम के अमले को जाकर देखने व आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। मौके पर पहुंचे राजस्व अधिकारियों ने पाया कि यहां नगर निगम द्वारा जारी किए गए टेंडर के आधार पर 8.42 लाख की लागत से एक समाज के लिए सामुदायिक भवन का निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन ठेकेदार के द्वारा इस संबंध में किसी भी तरह की अनुमति और एसईसीएल की जमीन होने के नाते निर्माण हेतु किसी भी तरह की एनओसी प्राप्त नहीं की गई है। अर्थात उसके द्वारा निर्माण कार्य अवैधानिक तरीके से कराया जाना पाया गया।हालांकि, नगर निगम के द्वारा वार्ड क्रमांक 25 में हेलीपेड के पास उक्त समाज के लिए भवन निर्माण हेतु टेंडर किया गया है, लेकिन कार्यादेश में जगह का उल्लेख नहीं है। पार्षद /प्रभारी मंत्री मद से सामाजिक भवन निर्माण के लिए ठेकेदार ने बड़ी ही चालाकी से एस ई सी एल के अधिपत्य वाले नर्सरी की जमीन पर लगे वृक्षों को कटवा कर अपना काम चालू कर दिया।जंगल के बीच इस तरह से हो रहे निर्माण पर जब स्थानीय व जागरुक लोगों की नजर पड़ी कलेक्टर अजीत वसंत ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल निर्देश दिए। मौके पर पहुंचे एसडीएम ने बिना किसी तरह की वैध अनुमति प्राप्त और भूमि उपयोग के संबंध में एसईसीएल से किसी तरह का एन ओ सी लिए बिना ही निर्माण कार्य पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।बताते चलें कि नगर निगम क्षेत्र में शासकीय भूमि पर बेतहाशा होते अतिक्रमण और निगम प्रशासन की अनदेखी के कारण लगातार हो रहे अवैध कब्जा के कारण अब शासकीय कार्यों अथवा शासकीय घोषणाओं के अनुसार निर्माण हेतु जमीन का दायरा बहुत कम शेष रह गया है। ऐसे में बड़ी ही चालाकी से सरकारी निर्माण कार्य होना बताकर अथवा जिम्मेदार अधिकारियों को अंधेरे में रखकर कई तथाकथित ठेकेदारों के द्वारा निर्माण कार्य कराए गए होंगे अथवा कराए जा रहे होंगे। यह मामला सामने आने के बाद किसी भी तरह का शासकीय अथवा घोषणा अनुरूप निर्माण कार्य प्रारंभ करने से पहले भूमि की उपयोगिता के संबंध में जांच पड़ताल कराया जाना आवश्यक हो चला है। फिलहाल राजस्व विभाग और नगर निगम की टीम ने जब मुआयना किया तो इतना स्पष्ट हुआ कि बेजा कब्जा तो नहीं हो रहा, लेकिन नियम के विपरीत कार्य ने वैधानिकता पर सवाल जरूर खडेनकर दिए हैं। अभी निर्माण कार्य पूरी तरह से रोक दिया गया है। अधिकारियों ने कहा है कि बिना उचित अनुमति के कोई निर्माण नहीं होने दिया जाएगा।