करीब एक सप्ताह से बिजली गुल होने के बाद टूटा स्वर्णिमा इरा…- भारत संपर्क



बिलासपुर के सरकंडा क्षेत्र स्थित स्वर्णिमा ऐरा कॉलोनी में बिजली संकट ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। कॉलोनी के लगभग 200 से अधिक परिवार बीते एक सप्ताह से लगातार हो रही बिजली कटौती से परेशान हैं। गर्मी के मौसम में जहां तापमान लगातार बढ़ रहा है, वहीं रातभर बिजली न रहने से घरों में रहना मुश्किल हो गया है। खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कामकाजी लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
रातभर गुल रहती है बिजली, जनजीवन प्रभावित
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर रात बिजली घंटों तक गुल रहती है, जिससे उनकी नींद और दिनचर्या दोनों प्रभावित हो रही हैं। रातभर बिना पंखे और कूलर के रहना लोगों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। कई परिवारों के बच्चों की परीक्षाएं चल रही हैं, लेकिन अंधेरे और गर्मी के कारण वे ठीक से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। वहीं, ऑफिस जाने वाले लोगों का कहना है कि नींद पूरी न होने से काम पर भी असर पड़ रहा है।

स्वर्णिमा ऐरा कॉलोनी को शहर के पॉश इलाकों में गिना जाता है। कॉलोनी बनाते समय कॉलोनाइजर ने आधुनिक सुविधाओं और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर का दावा किया था, लेकिन अब बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। लोगों का आरोप है कि कॉलोनाइजर ने बिजली आपूर्ति के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं की, जिससे आज यह स्थिति उत्पन्न हो रही है।
छत्तीसगढ़ स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (सीएसईबी) सरकंडा की कार्यप्रणाली पर भी कॉलोनीवासियों ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई ठोस समाधान नहीं किया गया। सीएसईबी अधिकारियों का कहना है कि तकनीकी खराबी और मेंटेनेंस कार्यों के चलते बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है, लेकिन इतने दिनों तक समाधान न होना विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मांगी मदद
निवासियों ने स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से भी मदद की अपील की है। उनका कहना है कि चुनाव के समय वादों की झड़ी लगाने वाले नेता अब इस गंभीर समस्या पर मौन हैं। कॉलोनीवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं किया गया, तो वे बड़ा प्रदर्शन करेंगे और सीएसईबी कार्यालय का घेराव करेंगे।
स्वर्णिमा ऐरा कॉलोनी में बिजली संकट ने शहरी सुविधाओं की सच्चाई को उजागर कर दिया है। एक ओर जहां लोग सुविधाजनक जीवन की उम्मीद में इस कॉलोनी में बसे थे, वहीं आज वे बुनियादी बिजली सुविधा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कॉलोनाइजर की लापरवाही और विभागीय उदासीनता ने लोगों को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है। अब देखना होगा कि प्रशासन और बिजली विभाग कब तक इस समस्या का समाधान करते हैं।
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