नेत्रदान के लिए आवश्यक उपकरण और तकनीकी विशेषज्ञों की…- भारत संपर्क

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नेत्रदान के लिए आवश्यक उपकरण और तकनीकी विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित, भारत विकास परिषद् पदाधिकारियों की पत्रकारवार्ता

कोरबा। भारत विकास परिषद् एक राष्ट्रीय, अराजनैतिक सेवाभावी संगठन है। इसकी स्थापना सन् 1963 में हुई थी और तब से संस्कार, सेवा पर यह कार्यरत् है। संस्कार के क्षेत्र में यह गुरुवंदन छात्र अभिनंदन, भारत को जानो, राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रम हर वर्ष सफलतापूर्वक आयोजित करते आ रही है। संगठन की लगभग 1700 शाखाएं हैं और कुल सदस्य संख्या 85 हजार है। सेवा के क्षेत्र में कई अस्पतालों का संचालन व विकलांग सेवा में लीन है। सेवा क्षेत्र में ही भारत विकास परिषद् कोरबा शाखा द्वारा नेत्रहीनों को दृष्टि प्रदान करने के लिए नेत्रदान प्रकल्प पर कार्य शुरु किया गया है।
उक्त बातें भारत विकास परिषद् के सचिव कन्हैया लाल सोनी और महेश गुप्ता सहित अन्य ने प्रेस क्लब तिलक भवन में पत्रकारवार्ता के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि भारत विकास परिषद् कोरबा शाखा द्वारा इस प्रकल्प को अत्यंत गंभीरता से विगत 2 वर्षों से अंगीकार किया है। नेत्रदान और देहदान को लेकर विधिक जानकारी और व्यवस्थागत आवश्यकताओं बाबत् सर्व संबंधित अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों से संपर्क किया जाता रहा है। जिसका सुफल सामने आ रहा है। नेत्रदान के लिए सारी औपचारिकताएं लगभग पूर्णता की ओर हैं। इसी तैयारी के मध्य परिषद् द्वारा लगभग 5 माह पूर्व बरपाली के ख्यातिलब्ध पत्रकार प्रदीप महतो के निधन के उपरांत उनके परिजनों के साथ मिलकर स्व महतो के देहदान का संकल्प पूर्ण कराया गया। इसके साथ ही उनके पुत्र व पुत्रवधु ने भी देहदान और उनकी पत्नी श्रीमती प्रदीप महतो ने नेत्रदान का संकल्प लिया है। महतो परिवार के इस प्रणम्य भाव को क्षेत्र के निवासियों ने हृदय से स्वीकारा और नेत्रदान और देहदान के प्रयासों को लेकर भारत विकास परिषद् के प्रयासों की चर्चा गंभीरता से की जाने लगी। उन्होंने कहा कि भारत विकास परिषद् द्वारा राज्यपाल, मुख्यमत्री, स्वास्थ्य मंत्री, उद्योग मंत्री, कलेक्टर सहित तमाम जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से यह अवसर कोरबा को प्राप्त हो रहा है। जब हम नेत्रदान देहदान की प्रक्रिया को प्रारंभ करने की स्थिति में आ गए हैं। डॉ. के. के. सहारे डीन मेडिकल कॉलेज ने कहा कि नेत्रदान के लिए आवश्यक उपकरण और तकनीकी विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित हो गई है। अब कोरबा की जनता अपनी इच्छा के अनुरुप मरणोपरांत अपने नेत्र का दान कर दूसरे की आँखों के माध्यम से इस खूबसूरत दुनिया को देख सकेगी।नेत्रदान, देहदान के प्रचार प्रसार के लिए शीघ्र ही एक संगोष्ठी किया जाना प्रस्तावित है जिसमें सार्वजनिक प्रतिष्ठान, विभिन्न सामाजिक संगठनों, विभिन्न समाजों को भी आमंत्रित किया जाकर समाज में एक वृहद चेतना का प्रवाह किया जाना है। इस अवसर पर , डॉ. मनीकिरण कुजुर एसोसिएट प्राफेसर, एम.डी. माखीजा, डी.के. कुदेसिया, कमलेश यादव अध्यक्ष भारत विकास परिषद् कोरबा शाखा, नरेश अग्रवाल प्रांतीय महासचिव, कैलाश अग्रवाल, प्रेम रामचंदानी व कोरबा शाखा के सदस्य उपस्थित थे।

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