फर्जी हस्ताक्षर कर बेची गई जमीन, पति-पत्नी समेत कई लोगों पर…- भारत संपर्क


बिलासपुर | सरकंडा थाना क्षेत्र में धोखाधड़ी का एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां एक रिटायर्ड रेलकर्मी की जमीन को फर्जी हस्ताक्षर कर कई हिस्सों में बेच दिया गया। पोते की शिकायत पर पुलिस ने पति-पत्नी समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
कुंदरू बाड़ी कॉलोनी निवासी विजय कुमार रजक ने सरकंडा थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनके दादा स्व. गोपी रजक, जो कि रेलवे में कार्यरत थे, उनके नाम पर मोपका क्षेत्र में 63 डिसमिल जमीन थी। गोपी रजक की मृत्यु 2 फरवरी 2007 को हो गई थी। वर्ष 2014 में आरएन तिवारी नामक व्यक्ति ने विजय के पिता अशोक कुमार से संपर्क कर दावा किया कि गोपी रजक ने अपनी जमीन उसे बेच दी थी और अब नामांतरण के लिए ₹1 लाख देने की बात कही। अशोक कुमार ने इस बात से इनकार कर दिया और बाद में तहसील में जमीन अपने नाम करवाने की कोशिश की, जो कि असफल रही।
इसके कुछ समय बाद, 7 अगस्त 2015 को अशोक कुमार अचानक लापता हो गए। उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट सिटी कोतवाली में दर्ज है, लेकिन आज तक कोई सुराग नहीं मिला है।
विजय कुमार द्वारा जुटाई गई जानकारी के अनुसार, उनके दादा की जमीन को फर्जी हस्ताक्षर के जरिए 12 टुकड़ों में अलग-अलग लोगों को बेचा गया है। इन जमीनों की रजिस्ट्री में अनिता तिवारी और उनके पति आरएन तिवारी का नाम प्रमुख रूप से सामने आया है। बताया जा रहा है कि दोनों ने मिलकर समिति बनाई और फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से जमीन की खरीदी-बिक्री की। इस फर्जीवाड़े में महेंद्र गौराहा और सिराज मेमन जैसे लोग गवाह के तौर पर शामिल हैं।
सरकंडा पुलिस ने विजय की शिकायत के आधार पर आरएन तिवारी, अनिता तिवारी समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का केस दर्ज कर लिया है। वहीं अशोक कुमार की रहस्यमय ढंग से गुमशुदगी को लेकर पुलिस अब साजिश की आशंका में भी जांच की दिशा तय कर रही है। इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि जमीन विवाद के चलते उनकी हत्या की गई हो।
पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच की जा रही है और जल्द ही सच्चाई सामने लाने की कोशिश की जाएगी।
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