Aerospace Engineering: बीटेक की सबसे कठिन है ये ब्रांच, डिग्री है पास तो करोड़ों…


Aerospace Engineers को बीटेकी सबसे टफ ब्रांच माना जाता है
सीबीएसई 12वीं का रिजल्ट जारी हो गया है. वहीं 11वीं में पढ़ रहे बच्चे भी अब 12वीं में आ गए हैं. ऐसे में इन सभी बच्चों और उनके अभिभावकों को करियर की चिंता सताने लगी होगी. जिसमें अधिकांश बच्चों और उनके अभिभावकों के दिमाग में इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन यानी बीटेक करने की योजना होगी, लेकिन बीटेक की कई ब्रांचों के मार्केट में खराब हालात चिंता भी पैदा कर रहे होंगे.
ऐसे में आज हम आपको बीटेक की ऐसी ब्रांच के बारे में बता रहे हैं, जिसकी पढ़ाई बेशक ही बेहद कठिन है, लेकिन अगर किसी छात्र के पास उसकी डिग्री है तो सालाना करोड़ों के पैकेज वाली नौकरी मिलना बेहद ही आसान हो जाएगा. आइए इसी कड़ी में आज बात करते हैं बीटेक की एरो स्पेश इंजीनियरिंंग यानी एयरोनॉटिकल ब्रांच के बारे में.
क्या है एरोस्पेश इंजीनियरिंग
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग को सरलीकृत करते हुए समझें तो ये स्पेश टेक्नोलॉजी से जुड़ा हुआ कोर्स है. जो मुख्य तौर पर स्पेश टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता पाने के लिए तैयार किया गया है. ये कोर्स मुख्य तौर पर स्पेश व्हीकल डिजाइन के मूलभूत सिद्धांत को समझने, स्पेश रिसर्च और स्पेश यात्रा को सरल करने के लिए तैयार किया गया है.
क्यों कहा जाता है एरो स्पेश इंजी को सबसे कठिन
दुनियाभर में एरो स्पेश इंजीनियरिंग को बीटेक की सबसे कठिन ब्रांच माना जाता है. इस वजह से कई बार इसे छात्र बीच में ही छोड़ने की सोचते हैं. इस ब्रांच को सबसे कठिन इसका सलेब्स बनाता है. असल में एरो स्पेश इंजीनियरिंग के सलेब्स में फिजिक्स, मैथ्स, र्मोडायनामिक्स, फ्लुइड डायनामिक्स, मटीरियल साइंस, कंप्यूटर साइंस और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विषय हैं. जिसमें हर पहलू को ध्यान से पढ़ना होता है और स्पेश की बनावट का गणित समझना होता है. जिसके बाद ही एरो स्पेश इंजीनियरिंग में कामयाब हुआ जा सकता है.
चांद पर है इस ब्रांच का करियर
दुनियाभर में एरो स्पेश इंजीनियरिंग का करियर चांद पर माना जाता है. इसकी दो वजह हैं. एक, दुनिया की कई स्पेश एजेंसियां स्पेश में भविष्य तलाश रही है, जिसमें चांद पर जीवन की तलाश मुख्य है. इसके साथ ही स्पेश के कई ग्रहों में खनन करने की तैयारियां, रिसर्च भी कई एजेंसियां कर रही हैं या तैयारी में हैं. आपने टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के स्पेश मिशन के बारे में तो सुना ही होगा. बस यहीं से समझिए कि इस सेक्टर में काम करने का प्रमुख रास्ता एरो स्पेश इंजीनियरिंग से होकर ही गुजरता है.
वहीं इस सेक्टर में नौकरी और सैलरी पैकेज की बात करें तो अगर दुनिया की प्रमुख स्पेश एजेंसी इसरो, नासा में आपकी नौकरी लग जाती है तो सालाना करोड़ों का पैकेज आसानी से मिल सकता है. वहीं स्पेश इंजीनियरिंग में एलन मस्क की एंट्री ने इस सेक्टर में प्राइवेट प्लेयर के आने का रास्ता भी खोला है.
ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले कुछ सालों में कई प्राइवेट प्लेयर स्पेश इंजीनियरिंग को लेकर काम करेंगे, जिसके अनुपात में मार्केट में स्किल्ड वर्कफोर्स कम होगा तो आसानी से समझा जा सकता है कि कितने पैकेज वाली नौकरी प्राप्त की जा सकती है. हालांकि शुरुआत में ही कई कंपनियां सालाना 10 से 20 लाख का पैकेज एरोस्पेश इंजीनियर को ऑफर करती हैं.
कहां से लें डिग्री, पात्रता क्या है
एरोस्पेश ब्रांच से बीटेक डिग्री करने के लिए छात्रों को कड़ी प्रतिस्पर्द्धा से गुजरना होता है. इसके लिए जरूरी है कि फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स विषय के साथ कम से कम 75 फीसदी नंबरों से 12वीं पास की जाए. इसके बाद छात्रों को जेईई मेन और जेईई एडवांस्ड में भी बेहतर प्रदर्शन करना होगा.
अगर एरोस्पेश इंजीनियरिंग ब्रांच से बीटेक कराने वाले संस्स्थानों की बात करें तो देश की कई आईआईटी ये ब्रांच उपलब्ध है. इसके साथ ही BIITS पिलानी समेत कई प्राइवेट यूनिवर्सिटी एरोस्पेश इंजीनियरिंंग ब्रांच से बीटेक करा रही हैं.
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