बाघ की दहशत, तेंदूपत्ता संग्रहण पर लगा ब्रेक, अलर्ट मोड पर…- भारत संपर्क
बाघ की दहशत, तेंदूपत्ता संग्रहण पर लगा ब्रेक, अलर्ट मोड पर वन विभाग, बाघ के विचरण की अधिकृत पुष्टि शेष
कोरबा।बाघ की मौजूदगी को लेकर कोई पुख्ता जानकारी वन विभाग की ओर से नहीं आ रही है, लेकिन कोरबा और कटघोरा वनमंडल में हाथियों की मौजूदगी से वन विभाग की चिंता बढ़ गई है। विभाग का कहना है कि हाथियों के झुंड पर नजर रखी जा रही है। जिस-जिस क्षेत्र में हाथियों के जाने की सूचना मिल रही है संबंधित क्षेत्र में मुनादी कराकर ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है। उनसे कहा जा रहा है कि जिस क्षेत्र में हाथी की मौजूदगी है वहां तेंदूपत्ता तोडऩे जंगल की ओर न जाएं, अन्य लघु वनोपज संग्रहण से भी बचें ताकि हाथियों के झुंड से किसी व्यक्ति को नुकसान नहीं हो सके। इसके अलावा बाघ के विचरण को लेकर संबंधित क्षेत्र में तेंदूपत्ता संग्रहण पर रोक लगा दी गई है।
जिले में लघु वनोपज तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य जारी है। कोरबा के साथ-साथ कटघोरा वनमंडल में भी ग्रामीण पत्ते का संग्रहण कर इसे समिति के माध्यम से समर्थन मूल्य पर वन विभाग को बेच रहे हैं। कटघोरा वनमंडल में यह कार्य इस हफ्ते तक चलने की उम्मीद है। इस बीच कटघोरा वनमंडल में चैतुरगढ़ पहाड़ी के आसपास लगभग 10 गांव में तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य को वन विभाग ने रूकवा दिया है। इसके पीछे की वजह क्षेत्र में कथित तौर पर बाघ या इसके जैसे किसी अन्य जानवर की मौजूदगी बताया जा रहा है। वन विभाग की ओर से बताया गया है कि पिछले हफ्ते चैतुरगढ़ क्षेत्र में जंगली जानवर के हमले में दो भैंसों की मौत हुई है। हमला करने वाले जानवर की पहचान नहीं हो सकी है लेकिन ग्रामीणों के बीच चर्चा है कि भैंसों की मौत बाघ के हमले में हुई है। ग्रामीणों के इस दावे को लेकर वन विभाग सतर्क हो गया है और उसने फिलहाल चैतुरगढ़ पहाड़ी के आसपास स्थित ग्राम लाफा सहित अन्य क्षेत्रों में तेंदूपत्ता के संग्रहण पर रोक लगा दिया है। वन विभाग ने इसके लिए संबंधित गांवों में मुनादी भी कराया है। इसमें ग्रामीणों से कहा गया है कि वे अभी तेंदूपत्ता तोडऩे के लिए जंगल न जाएं। जंगल में वर्तमान में किसी खूंखार जानवर की मौजूदगी है। लिहाजा लोगों को जंगल जाने से बचने की सलाह दी गई है। वन विभाग के अधिकारी समितियों के माध्यम से इसकी निगरानी भी कर रहे हैं।