क्या है कैल्शियम स्कोर टेस्ट , यह कब और कैसे किया जाता है – what is calcium…

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क्या है कैल्शियम स्कोर टेस्ट , यह कब और कैसे किया जाता है – what is calcium…

धमनियों में जब फैट जमा होता है, तो उसके साथ कैल्शियम भी जमा हाेने लगता है। कैल्शियम की उपस्थिति और मात्रा यह पता लगाने में मदद करती है कि किसी व्यक्ति को हृदय रोगों या हार्ट अटैक का जोखिम है या नहीं।

आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी और अनियमित जीवनशैली के चलते हृदय रोग (Heart Disease) भारत में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर चार में से एक मृत्यु हृदय रोग के कारण होती है। दुखद बात यह है कि इनमें से कई मामले तब सामने आते हैं, जब बहुत देर हो चुकी होती है। ऐसे में सीटी कैल्शियम स्कोर टेस्ट (Calcium score test) एक ऐसा आधुनिक उपकरण बनकर सामने आया है, जो बिना किसी लक्षण के भी दिल की बीमारी का संकेत दे सकता है।

कैल्शियम स्कोर टेस्ट क्या है और हृदय रोगों की समय रहते पहचान करने में यह कितना मददगार साबित हो सकता है, यह जानने के लिए हमने डॉ समीर भाटी से संपर्क किया। डॉ भाटी पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट हैं।

क्या है सीटी कैल्शियम स्कोर टेस्ट (What is calcium score test)

डॉ समीर भाटी कहते हैं, “सीटी कैल्शियम स्कोर टेस्ट एक विशेष प्रकार का कार्डियक सीटी स्कैन होता है, जो दिल की धमनियों (coronary arteries) में मौजूद कैल्शियम की मात्रा को मापता है। जब धमनियों में प्लाक (fatty deposits) जमा होने लगता है, तो उसमें कैल्शियम भी जम जाता है। इस कैल्शियम की उपस्थिति और मात्रा यह बताती है कि व्यक्ति को भविष्य में हृदय रोग या हार्ट अटैक (Heart attack) का कितना खतरा है।”

calcium score test
इस टेस्ट से हृदय स्वास्थ्य का सही तरीके से पता लगाया जा सकता है। चित्र : अडोबीस्टॉक

यह टेस्ट कैसे किया जाता है? (How to do calcium score test)

प्रोसेस के बारे में बात करते हुए डॉ भाटी कहते हैं, “यह टेस्ट पूरी तरह से नॉन-इनवेसिव (बिना किसी चीरा या सुई के) होता है। मरीज को सीटी स्कैन मशीन में लेटाया जाता है और एक तेज़ स्कैनिंग प्रोसेस के ज़रिए दिल की धमनियों की 3D इमेज तैयार की जाती है। पूरी प्रक्रिया में लगभग 10 से 15 मिनट का समय लगता है और इसमें किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होती।”

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कैसे पता चलेगा कि आपका कैल्शियम स्कोर सही है या नहीं (The right level of calcium score)

इस टेस्ट का परिणाम एक स्कोर के रूप में आता है, जिसे एगैट्स्टन स्कोर (Agatston Score) कहते हैं:

  1. 0 स्कोर: धमनियों में कैल्शियम नहीं है। दिल की बीमारी का जोखिम बहुत कम है।
  2. 1-100 स्कोर: हल्की मात्रा में कैल्शियम है। थोड़ा जोखिम।
  3. 101-400 स्कोर: मध्यम जोखिम। प्लाक जमने की पुष्टि होती है।
  4. 400 से ऊपर स्कोर: उच्च जोखिम। हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है।

किन लोगों को यह टेस्ट कराना चाहिए?

यह टेस्ट उन लोगों के लिए उपयुक्त है जिन्हें:

  1. परिवार में हृदय रोग का इतिहास हो
  2. ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़, या कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो
  3. धूम्रपान या अधिक शराब का सेवन करते हों
  4. जिनकी उम्र 40 वर्ष से अधिक है और वे नियमित चेकअप नहीं करा रहे हैं

पारंपरिक टेस्ट बनाम CT कैल्शियम स्कोर टेस्ट

इकोकार्डियोग्राम (Echo) केवल हृदय की कार्यक्षमता दिखाता है, धमनियों की स्थिति नहीं।

तनाव परीक्षण (Stress Test) यह जाँचता है कि व्यायाम या तनाव की स्थिति में दिल कितनी मेहनत करता है।

एंजियोग्राफी एक इनवेसिव प्रक्रिया है जिसमें डाई और कैथेटर की मदद से ब्लॉकेज का पता लगाया जाता है।

लेकिन इन सभी के मुकाबले, CT कैल्शियम स्कोर टेस्ट बिना किसी दर्द, सूई या डाई के आपके दिल की धमनियों की शुरुआती स्थिति बता सकता है।

क्यों है यह टेस्ट ज़रूरी है?

अक्सर दिल की बीमारी के शुरुआती लक्षण दिखाई नहीं देते। कई मामलों में पहला लक्षण हार्ट अटैक ही होता है। सीटी कैल्शियम स्कोर टेस्ट के माध्यम से हम बिना किसी लक्षण के भी यह जान सकते हैं कि दिल की धमनियों में प्लाक जमा हो रहा है या नहीं। यह समय रहते जीवनशैली में बदलाव, दवाइयों की शुरुआत और अन्य चिकित्सकीय सलाह लेने में मदद करता है।

Heart attack ka khatra
अगर आपके परिवार में हार्ट अटैक का इतिहास है तो आपको यह टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।
चित्र- अडोबी स्टॉक

समय रहते रोकथाम ही सबसे अच्छा इलाज

यदि सीटी कैल्शियम स्कोर टेस्ट यह दर्शाता है कि आपकी धमनियों में कैल्शियम जमा हो रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं कि हार्ट अटैक निश्चित है। इसका अर्थ है कि आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव लाने की आवश्यकता है:

  1. संतुलित आहार लें – फाइबर, ओमेगा-3 फैटी एसिड, फल और सब्जियां ज़रूरी हैं
  2. नियमित व्यायाम करें – कम से कम 30 मिनट वॉक या योग
  3. तनाव प्रबंधन करें – मेडिटेशन और नींद को प्राथमिकता दें
  4. धूम्रपान और शराब से दूर रहें
  5. नियमित चेकअप कराते रहें

यह भी जान लें 

डॉ भाटी कहते हैं, “हालांकि यह टेस्ट बेहद उपयोगी है, लेकिन यह पूरी तरह से डायग्नोसिस का विकल्प नहीं है। यह केवल एक रिस्क असेसमेंट टूल है। जिन मरीजों में स्कोर अधिक आता है, उन्हें आगे अन्य जांचें जैसे कि तनाव परीक्षण, इकोकार्डियोग्राम, या एंजियोग्राफी करानी पड़ सकती हैं।”

चलते-चलते

सीटी कैल्शियम स्कोर टेस्ट आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का एक अनमोल उपहार है, जो हमें समय से पहले दिल की बीमारी का संकेत देकर बचाव का अवसर देता है। लक्षणों का इंतज़ार करना मूर्खता है—स्मार्ट वही है जो पहले कदम उठाए। यदि आप या आपके परिवार में कोई दिल की बीमारी के जोखिम से जूझ रहा है, तो यह टेस्ट जीवन रक्षक सिद्ध हो सकता है।

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