800 साल पुरानी ममी के गाल में मिला टैटू, साइंटिस्ट अब स्याही का पता करने में जुटे


800 साल पुरानी ममी में मिला अनोखा टैटूImage Credit source: Instagram
दक्षिण अमेरिका में साइंटिस्ट को एक अध्ययन के दौरान 800 साल पुरानी ममी के गाल में टैटू मिला है. जिसके बाद अब साइंटिस्ट्स के अध्ययन की दिशा ही बदल गई है. अब सांइटिस्ट ममी के अध्ययन के साथ ही इस बात का भी अध्ययन करने में जुटे हैं कि आखिर महिला के गाल में किस स्याही से टैटू बनाया गया था, जो 800 साल बाद भी सलामत है.
800 साल पुरानी ममी के गाल में मिले टैटू को देखकर साइंटिस्ट भौचक्के रह गए हैं. इसके पीछे का मुख्य कारण इतने लंबे समय तक महिला के गाल में टैटू की सलामती है. असल में टैटू बनाने के लिए स्याही का इस्तेमाल करीब 1000 साल पहले से होता आ रहा है. लेकिन इस ममी में टैटू वैज्ञानिकों के लिए कई लिहाज से रहस्यमयी है. इसके पीछे का मुख्य कारण ये है कि अमूमन टैटू की स्याही अपने आप उड़ जाती है. जबकि गाल में बना टैटू कुछ ही सालों में मिट जाता है. इस वजह से गाल में टैटू नहीं बनाए जाते हैं.
क्या होती है ममी, ये महिला कौन है
असल में ममी बनाने की प्रक्रिया एक पुरातन प्रक्रिया है, जिसमें एक विशेष प्रकार के लेप से किसी भी लाश यानी मृत शरीर को लिपटा जाता है. इसका उद्देश्य से मृत शरीर को कीड़ो समेत वायुमंडल में खराब होने से बचाना होता है.
जानकारी के मुताबिक ये ममी दक्षिण अमेरिका निवासी एक महिला की है, जिसकी मौत के बाद 800 साल पहले शरीर को ममी में बदल लिया गया था और तकरीबन 100 साल पहले ही इटली के एक म्यूजियम को दान में दिया गया था.ममी की मुद्रा की बात करें ताे वह बह बैठी हुई अवस्था में बनाई गई है.
कैसे हुई टैटू की पहचान
800 साल पुरानी ममी के गाल में टैटू के पहचान करने के पीछे भी एक कहानी है.असल में इटली के ट्यूरिन विश्वविद्यालय के जियानलुइगी मंगियापेन की अगुआई में मानवविज्ञानी और पुरातत्वविदों की एक टीम ममी का विश्लेषण कर रही थी. इस दौरान टीम ने ममी के गाल पर अनोखे डिजाइन पाए. जिन्हें टीम में अच्छी तरह से संभाल कर रखा. जिन्हें देखना मुश्किल था, लेकिन गाल में कालापन था. इसके बाद टीम नेकई सारी इमेजिंग तकनीकों के साथ, ममी के गाल पर बने टैटू की पहचान करने में सफलता पाई है.