मुकेश अंबानी ने मांगी सरकार से इजाजत, 26GHz बैंड से मिलेगा सुपरफास्ट Wi-Fi… – भारत संपर्क

रिलायंस जियो भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है. जियो अपने यूजर्स को वाईफाई के जरिए फास्ट इंटरनेट सर्विस देने की तैयारी कर रही है. कंपनी अब एक नया कदम उठाने की तैयारी में है. जियो ने भारत सरकार के टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर (TEC) से खास परमिशन मांगी है. ये परमिशन 26 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड को Wi-Fi सर्विस देने के लिए इस्तेमाल करने के लिए मांगी गई है.
क्या है पूरा मामला?
जियो ने पिछले हफ्ते टेक्निकल डिपार्टमेंट TEC को एक रिक्वेस्ट भेजी है. जिसमें कंपनी ने कहा है कि वो 26 GHz बैंड का इस्तेमाल Wi-Fi सर्विसेज के लिए करना चाहती है. हालांकि इसके बारे में जियो की तरफ से इस पर कोई ऑफिशियल जवाब या बयान नहीं आया है.
क्या है नियम?
2022 में हुई स्पेक्ट्रम नीलामी के डॉक्यूमेंट (Notice Inviting Application NIA) में ये साफ लिखा गया था कि अगर कोई कंपनी 5G के लिए मिले स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल किसी और टेक्नोलॉजी के लिए करना चाहती है, तो उसे पहले सरकार की मंजूरी लेनी होगी.
इसके अलावा, किसी नई टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल में लाने से कम से कम 6 महीने पहले उसका पूरी डिटेल देनी होती है. यही नहीं ये टेक्नोलॉजी ऐसी होनी चाहिए जो ITU, TEC या किसी इंटरनेशन स्टेंडर्ड बॉडी ने पहले से अलाउ किया हो.
कितने में खरीदा था स्पेक्ट्रम?
2022 की स्पेक्ट्रम नीलामी में कुल 1.5 लाख करोड़ की बोलियां लगी थीं. इसमें अकेले जियो ने लगभग 88,078 करोड़ की बोली लगाई और सबसे ज्यादा स्पेक्ट्रम हासिल किया.
जियो ने उस समय 700 MHz, 800 MHz, 1800 MHz, 3300 MHz और 26 GHz बैंड्स खरीदे थे. अब कंपनी 26 GHz बैंड को हाई-स्पीड Wi-Fi इंटरनेट सर्विस में इस्तेमाल करना चाहती है.
क्या होगा फायदा?
अगर सरकार से परमिशन मिलती है तो जियो अपने यूजर्स को तेज और बेहतर Wi-Fi कनेक्टिविटी दे सकेगा. इसका फायदा खासकर भीड़भाड़ वाले इलाकों में या इंडोर स्पेस में ज्यादा होगा. ऐसी जगह पर ये बैंड काफी मददगार सबित हो सकता है.