सॉरी मिस्टेक हो गई! नर्स ने रामरतन की जगह रवि को दिया इंसुलिन, मरीज का बढ़…


नर्स ने मरीज को लगाई गलत सूई
बिहार के भागलपुर जिले के एक बड़े अस्पताल से लापरवाही की एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक नर्स ने रामरतन की जगह रवि को इंसुलिन दे दिया. रवि की बिगड़ती हालत के बाद उसने फोन करके अपने परिवार को मामले की जानकारी दी. इस लापरवाही पूरे इलाके में जमकर चर्चा हो रही है. इंसुलिन देने के बाद जब रवि का शुगर लेवल बढ़ने लगा तो नर्स सॉरी बोल-बोलकर अपनी गलती मानती रही.
भागलपुर के मायागंज अस्पताल के पेइंग वार्ड में भर्ती एक मरीज को नर्स ने लापरवाही करते हुए दर्द की जगह इंसुलिन की डोज दे दी, जिसके बाद मरीज का हालत काफी बिगड़ गई. मरीज रामरतन की जगह नर्स ने रवि कुमार मिश्रा को पेट में इंसुलिन लगा दी. इस दौरान जब रवि ने उसे मना किया तो नर्स ने डॉक्टर का हवाला दिया, फिर मरीज ने परिजन को कॉल करके बताया तो मालूम पड़ा कि उसे तो सिर्फ हाथ में दर्द की सुई लगती है.
नर्स ने लगाई गलत सूई
इसके बाद नर्स ने आकर अपनी गलती मानी और कहा कि तीन-चार पेशेंट को सुई देने का दबाव था, जिसमें चूक हो गई, मुझे माफ कर दीजिए. घटना के बाद मरीज का ब्लड शुगर टेस्ट किया जाए तो वह 187 तक पहुंच गया था. इसके बाद इमरजेंसी से डॉक्टर बुलाकर उनका चेकअप कराया गया, जिसमें वह सामान्य निकले. हालांकि, इंसुलिन के डोज के बाद वह काफी घबरा गए थे. बता दें कि मरीज रवि सड़क हादसे में घायल होकर अस्पताल में भर्ती है.
मरीज ने नर्स को किया माफ
उनके पैर का ऑपरेशन होना है, लेकिन उन्होंने कहा कि हम यहां आकर भी परेशान हैं. हालांकि, उन्होंने लापरवाही बरतने वाली नर्स को माफ कर दिया है और लिखित शिकायत भी नहीं की है. अस्पताल के पेइंग वार्ड के कमरा नंबर 6 के बेड नंबर 25 पर वह भर्ती है, नर्स इंजेक्शन देने आई तो रवि ने मना भी किया और पूछा मुझे तो दर्द का इंजेक्शन हाथ में पड़ता है. आप पेट में क्यों लगा रही है, तो नर्स ने कहा डॉक्टर ने कहा है इसलिए दे रहे हैं.
‘हो सकती है मौत’
एक्सपर्ट डॉक्टरों के अनुसार अचानक मरीज के ब्रेन में शुगर लेवल कम होने से उसकी जान भी जा सकती है. मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ राजकमल चौधरी ने बताया कि अगर बिना जरूरत किसी मरीज को इंसुलिन दे दिया तो हाइपोग्लाइसीमिया के चलते उसकी मौत हो सकती है. अचानक शुगर लेवल कम होने से 6 घंटे में मरीज की जान भी जा सकती है. बता दें कि कई बार अस्पताल में ऐसी घटना होती है कि इंजेक्शन देने के तुरंत बाद मरीज की मौत हो जाती है और हंगामा होता है. लेकिन ऐसे मामले में लापरवाही की गंभीरता से जांच नहीं होती.