लाखों की सैलरी वाला कैसे बन गया Zomato डिलीवरी बॉय? कहानी हुई वायरल


जोमैटो डिलीवरी बॉयImage Credit source: LinkedIn/@ShripalGandhi
सोशल मीडिया कई कहानियां सामने आती हैं, लेकिन कुछ ही नेटिजन्स के दिलों को छू पाती हैं. इन दिनों ऐसी ही एक इन्सपायरिंग स्टोरी खूब वायरल हो रही है. यह कहानी है उम्मीद और दृढ़ संकल्प की. यह कहानी है एक ऐसे जोमैटो डिलीवरी बॉय की, जो कभी लाखों की सैलरी वाले प्रबंधकीय पद पर था, लेकिन एक हादसे ने उसकी जिंदगी बदल दी. हालांकि, तमाम चुनौतियों के बावजूद यह शख्स गर्व और उम्मीद के साथ अपना काम करना जारी रखता है, जो उसने एक बार खो दिया था उसे फिर से बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है.
यह कहानी Linkedin पर श्रीपाल गांधी नामक यूजर ने शेयर की है. उन्होंने लिखा, डिलीवरी बॉय ने सिर्फ मेरा लंच ही नहीं दिया, बल्कि जीवन भर के लिए एक सबक भी दे गया. श्रीपाल ने बताया कि उन्होंने सबवे से एक नॉर्मल लंच ऑर्डर किया था, जिसमें पनीर टिक्का सैंडविच, बिंगो चिप्स और ओट किशमिश कुकीज शामिल थीं. हालांकि, जब ऑर्डर आया तो केवल सैंडविच डिलीवर किया गया था, जबकि अन्य आइटम गायब थे.
यह देखकर श्रीपाल ने फौरन डिलीवरी बॉय से कहा कि चिप्स और कुकीज तो गायब हैं. यह सुनते ही वह परेशान हो गया, और फिर बड़ी ही विनम्रता से कहा कि आप रेस्टोरेंट या जोमैटो से संपर्क करें. जब श्रीपाल ने सबवे को फोन घुमाया तो पता चला कि यह उनकी ही गलती थी और इसके लिए माफी भी मांगी. साथ ही कहा कि क्या वह डिलीवरी एजेंट को वापस भेज सकते हैं. इस परेशानी के लिए वह राइडर को 20 रुपये भी देंगे.
डिलीवरी बॉय चाहता तो वह श्रीपाल को इसके लिए सीधे-सीधे मना कर सकता था, क्योंकि वह सबवे के लिए नहीं बल्कि जोमैटो के लिए काम करता है. लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. श्रीपाल ने बताया कि उसका कहना था कि वह चाहता है कि ग्राहक खुश रहें, और यह उसकी जिम्मेदारी है. उन्होंने आगे कहा, डिलीवरी बॉय ने मुझे सिर्फ एक कस्टमर के तौर पर नहीं देखा, बल्कि सही काम करने में मूल्य देखा.
इसके बाद डिलीवरी बॉय न सिर्फ छूटी हुई चिप्स और कुकीज लेकर मुस्कुराता हुआ लौटा, बल्कि 20 रुपये लेने से मना भी कर दिया. उसने कहा, ऊपरवाले ने बहुत दिया है. किसी की गलती के लिए मैं ये पैसे क्यों लूं. बाद में उसने श्रीपाल को बताया कि एक समय वह कंस्ट्रक्शन सुपरवाइजर हुआ करता था. महीने की सैलरी 1.25 लाख रुपये थी. लेकिन एक कार हादसे में उसके शरीर का बायां हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया, और नौकरी चली गई.
श्रीपाल ने आगे लिखा, एक समय उसने हार मान ली थी, पर जोमैटो ने उसे नौकरी दी, एक मौका देकर सबकुछ बदल दिया. डिलीवरी बॉय का कहना है कि ज़ोमैटो ने मेरे परिवार को जिंदा रखा. विकलांग होने के बाद भी मुझे मौका दिया. मैं कभी भी जोमैटो के नाम को खराब नहीं होने दूंगा.
शख्स ने बताया कि उसकी बेटी डेंटल की पढ़ाई कर रही है. वह सिर्फ कमाने के लिए नहीं, बल्कि उसके सपनों को जिंदा रखने के लिए भी साइकिल चलाते हैं. शख्स ने कहा, मुझे जिंदगी से कोई शिकायत नहीं है. भगवान मेरे साथ हैं, तो फिर किस बात की चिंता. श्रीपाल ने पोस्ट के आखिर में दिव्यांग लोगों को नौकरी देने और उनकी लाइफ में पॉजिटिविटी लाने के लिए ज़ोमैटो को धन्यवाद दिया.