हेल्दी फूड्स से जुड़ी वो बातें जिन पर नहीं करना चाहिए भरोसा

0
हेल्दी फूड्स से जुड़ी वो बातें जिन पर नहीं करना चाहिए भरोसा
हेल्दी फूड्स से जुड़ी वो बातें जिन पर नहीं करना चाहिए भरोसा

हेल्दी फूड्स से जुड़ी इन बातों पर भूल से भी न करें विश्वासImage Credit source: Unsplash

आजकल लोग हेल्दी खाने को लेकर ज्यादा जागरूक हो गए हैं. हर कोई चाहता है कि वो जो भी खाए, वो उसके शरीर के लिए अच्छा हो. सोशल मीडिया, एडवर्टाइजमेंट और कई बार दोस्तों से मिली जानकारी के ज़रिए हम कुछ ऐसे फूड्स को हेल्दी मान लेते हैं, जो असल में उतने फायदेमंद नहीं होते. कई बार पैकेजिंग पर लगे “लो फैट”, “शुगर फ्री” या “नेचुरल” जैसे शब्द हमें गुमराह कर देते हैं. हम यह सोचते हैं कि ये खाने की चीज़ें सेहत के लिए अच्छी हैं, लेकिन इनके अंदर छिपी सच्चाई कुछ और ही होती है.

कुछ हेल्दी दिखने वाले फूड्स में छुपी हुई शुगर, सॉल्ट या प्रोसेस्ड चीजें होती हैं जो हमारे शरीर को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकती हैं. इसलिए यह ज़रूरी है कि हम सिर्फ ब्रांडिंग या नाम से प्रभावित न हों, बल्कि हर चीज़ को समझदारी से चुनें. ऐसे में इस आर्टिकल में हम उन्हीं आम गलतफहमियों की बात करेंगे जो हेल्दी फूड्स के नाम पर फैली हुई हैं और बताएंगे कि किन बातों पर आंख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए.

ध्यान में रखें ये बातें

ब्राउन ब्रेड हेल्दी होती हैं: अगर आपको ऐसा लगता है कि नॉर्मल ब्रेड के मुकाबले ब्राउन ब्रेड ज्यादा हेल्दी होती हैं तो आप गलत सोच रहे हैं. भारत में बेची जाने वाली अधिकांश ब्राउन ब्रेड सिर्फ सफेद ब्रेड होती है जिसमें कारमेल रंग मिलाया जाता है. उनमें भी मैदा और चीनी की मात्रा ज्यादा होती है. कई लोकप्रिय ब्रांड उन्हें मल्टीग्रेन के रूप में बेचते हैं, लेकिन असली साबुत गेहूं अक्सर 20 फीसदी से कम होता है.

फोर्टिफाइड फूड आइटम्स पोषक तत्वों की कमी को दूर करते हैं: फोर्टिफिकेशन से मदद मिलती है, लेकिन यह असली फलों, सब्जियों या सूरज की रोशनी (विटामिन डी के लिए) की आवश्यकता को पूरा नहीं करता है. फोर्टिफाइड तेल, अनाज या गेहूं ग्राहकों को यह सोचकर गुमराह कर सकते हैं कि उन्हें बैलेंस्ड डाइट की जरूरत नहीं है.

कोल्ड-प्रेस्ड जूस का मतलब डिटॉक्स बताया जाता है: आपका लिवर और किडनी आपके शरीर को डिटॉक्स करते हैं. इन जूस में अक्सर चीनी की मात्रा अधिक और फाइबर की मात्रा कम होती है. इस तरह के जूस वजन घटाने का वादा करते हैं लेकिन आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाते हैं.

इंस्टेंट ओट्स हेल्दी ब्रेकफ़ास्ट होते हैं: कई स्वाद वाले ओट्स पैकेट चीनी, आर्टिफीशियल टेस्ट और प्रिजर्वेटिव से भरे होते हैं. ब्रांड चॉकलेट/मसाला ओट्स को स्वास्थ्यवर्धक बताकर बेचते हैं जबकि वे मीठे सेरेलक की तरह काम करते हैं.

मोटा अनाज हमेशा चावल से बेहतर होता है: मोटे अनाज बढ़िया होते हैं, लेकिन सभी के लिए नहीं. अगर ठीक से न पकाया जाए या अधिक सेवन किया जाए तो ये सूजन या थायराइड की समस्या पैदा कर सकते हैं. आजकल मोटे अनाज का चलन काफी बढ़ गया है, लेकिन सभी लोग इसे आसानी से पचा पाएं ऐसा जरूरी नहीं होता है. इसलिए इसे सोच-समझकर ही खाएं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

इन्वर्टर कितने तरह के होते हैं? घर के लिए कौन सा है सबसे सही? – भारत संपर्क| JAC 12th Result 2025 Live Updates: झारखंड बोर्ड 12वीं रिजल्ट थोड़ी देर में होगा…| ऐश्वर्या राय से मानुषी छिल्लर तक, फिनाले में किन सवालों का जवाब देकर मिस वर्ल्ड… – भारत संपर्क| IPL 2025: मुंबई की दिमाग उड़ाने वाली रणनीति, दो गेंदबाजों से डलाया गया आखिर… – भारत संपर्क| बस्तर के हर कोने तक पहुंचाएंगे विकास का उजाला: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय – भारत संपर्क न्यूज़ …