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अफसरों को एमओयू स्कोर व रेटिंग की रिपोर्ट के आधार पर होगा भुगतान, पीआरपी भुगतान के कुल देय राशि का 18 तक लगाया जाएगा अनुमान
कोरबा। कोयला अधिकारियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर परफॉर्मेंस रिलेटेड पे (पीआरपी) के भुगतान को लेकर निर्देश जारी किया गया है। एमओयू स्कोर व रेटिंग की रिपोर्ट के आधार पर ही कोयला अधिकारियों के पीआरपी का भुगतान होगा। कम रेटिंग से अधिकारियों की पीआरपी राशि भी घट जाती है। एक्सीलेंट रेटिंग वाली अनुषांगिक कंपनियों के अधिकारियों को अधिक पीआरपी मिलने की उम्मीद है।
जारी निर्देश के अनुसार किटी फैक्टर के आधार पर सीआईएल एवं उसकी सहायक कंपनियों द्वारा पात्र अधिकारियों को पीआरपी का संवितरण किया जाएगा। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्रदर्शन आधारित वेतन (पीआरपी) के भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस संबंध में सीआईएस के कॉरपोरेट प्लानिंग विभाग द्वारा निर्धारित एमओयू रेटिंग्स के आधार पर सभी अनुषंगी कंपनियों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सीआईएस के कार्यपालक स्थापना विभाग द्वारा 5 जून को जारी आधिकारिक पत्र में पीआरपी भुगतान के लिए एक विस्तृत टाइमलाइन जारी की गई है। यह प्रक्रिया चार चरणों में पूर्ण की जाएगी। जिसमें 16 जून तक प्रत्येक अधिकारी की पीआरपी पात्रता की प्रतिशतता का आंकलन कर वित्त विभाग को सूचित किया जाएगा। 18 जून तक कुल देय राशि का अनुमान लगाया जाएगा, जिसमें 65 प्रतिशत व 35 प्रतिशत हिस्सों के लिए कट-ऑफ फैक्टर 1 और कट-ऑफ फैक्टर 2 को 100 प्रतिशत मानते हुए गणना की जाएगी। 20 जून तक ग्रेड के अनुसार किटी फैक्टर की जानकारी सीआईएल के वित्त विभाग को दी जाएगी। 25 जून तक सभी पात्र अधिकारियों को पीआरपी का भुगतान कर दिया जाएगा। बीते माह कोल इंडिया की कंपनियों के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 का एमओयू स्कोर व रेटिंग जारी की गई है। इसके अनुसार कोल इंडिया की आठ अनुषंगी कंपनियों में सात का प्रदर्शन एक्सीलेंट यानी उत्कृष्ट है। एसईसीएल को भी एक्सीलेंट रेटिंग हासिल हुई है। जिससे अधिकारियों को भारी भरकम पीआरपी मिलने की उम्मीद है। सर्वाधिक स्कोर के साथ बीसीसीएल, सीएमपीडीआइ व एनसीएल टॉप पर हैं। तीनों कंपनियों को क्रमश: 94.83, 98 व 93.04 स्कोर के साथ एक्सीलेंट रेटिंग मिली है। एमओयू स्कोर व रेटिंग में इस बार ईसीएल पिछड़ गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में ईसीएल 57.53 स्कोर के साथ गुड (अच्छा) रेटिंग मिली है। स्कोर व रेटिंग से कंपनी के प्रदर्शन की गुणवत्ता का पता चलता है। वित्त वर्ष 2022-23 में कोल इंडिया को वेरी गुड (बहुत अच्छी) रेटिंग मिली थी। इस बार कंपनी का प्रदर्शन सुधरा है। डीपीई केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) प्रणाली का उपयोग करता है। तय लक्ष्यों के विरुद्ध उनके प्रदर्शन के आधार पर सीपीएसई का मूल्यांकन किया जाता है और उन्हें स्कोरिंग प्रणाली के आधार पर रेटिंग दी जाती है। एमओयू रेटिंग का उपयोग सीपीएसई में कर्मचारियों के लिए प्रदर्शन-संबंधी वेतन (पीआरपी) की पात्रता निर्धारित करने के लिए किया जाता है।