20 हजार का दान, BJ मेडिकल कॉलेज पड़ा नाम, 154 साल पहले 14 छात्रों से हुआ था…

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20 हजार का दान, BJ मेडिकल कॉलेज पड़ा नाम, 154 साल पहले 14 छात्रों से हुआ था…
20 हजार का दान, BJ मेडिकल कॉलेज पड़ा नाम, 154 साल पहले 14 छात्रों से हुआ था शुरू, जानें इतिहास

154 साल पहले सिर्फ 14 छात्रों से शुरू हुआ था BJ मेडिकल कॉलेज, गुजरात में इसी पर गिरा था एयर इंडिया का प्लेन

12 जून की सुबह बी.जे. मेडिकल कॉलेज के लिए सिर्फ एक तारीख नहीं थी, बल्कि एक त्रासदी बनकर आई. अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 कॉलेज की इमारत से टकरा गई, जिससे कई छात्रों की जान चली गई और संस्थान की ऐतिहासिक बिल्डिंग क्षतिग्रस्त हो गई. ये वही कॉलेज है, जिसकी नींव 1869 में सिर्फ 14 छात्रों के साथ रखी गई थी और जो आज गुजरात का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान बन गया है. 1879 में व्यापारी और परोपकारी सर बायरमजी जीजीभाई ने 20 हजार रुपये कॉलेज को दान दिया. इस वजह से उनकी याद में बी.जे. मेडिकल कॉलेज रखा गया.

सर बायरमजी जीजीभाई के योगदान से नाम पाने वाले इस कॉलेज ने 155 साल में मेडिकल एजुकेशन और जनसेवा में जो योगदान दिया है, वह बेजोड़ है. यहां से हर साल सैकड़ों डॉक्टर तैयार होते हैं, जो देश-दुनिया में अपनी पहचान बनाते हैं. WHO से लेकर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग तक ने इसकी गुणवत्ता को सराहा है. बी.जे. मेडिकल कॉलेज एक इमारत नहीं, चिकित्सा की एक जीवंत विरासत है.

सिविल हॉस्पिटल से जुड़कर शुरू हुआ था कॉलेज

कॉलेज की नींव 1871 में अहमदाबाद मेडिकल स्कूल के रूप में रखी गई थी. शुरू में यह अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल से संबद्ध था. तब यहां सिर्फ 14 स्टूडेंट्स पढ़ते थे. फिर 1879 में व्यापारी और परोपकारी सर बायरमजी जीजीभाई ने 20 हजार रुपये कॉलेज को दान दिया. इस दान के बाद बायरमजी की याद में कॉलेज का नाम बदलकर बी.जे. मेडिकल स्कूल रखा गया.

1947 में बना मेडिकल कॉलेज

समय के साथ बी.जे. मेडिकल स्कूल ने तेजी से विकास किया. साल 1917 में इसे बॉम्बे के कॉलेज ऑफ फिजिशियंस एंड सर्जन्स से एफिलिएट किया गया. फिर 1946 में एक और बड़ा कदम उठाया गया जब इसे बॉम्बे यूनिवर्सिटी से एफिलिएशन मिली और यह बी.जे. मेडिकल कॉलेज बन गया. इसके बाद कॉलेज ने एल.सी.पी.एस. (Licentiate Certified Physician and Surgeon) डिप्लोमा देना शुरू किया, जो उस समय एक हाई लेवल मेडिकल क्वालिफिकेशन थी.

गुजरात राज्य के गठन के साथ ग्रेजुएशन कोर्स भी शुरू

साल 1951 में गुजरात राज्य के गठन के बाद कॉलेज को गुजरात यूनिवर्सिटी से एफिलिएट किया गया, जहां से ग्रेजुएशन लेवल के कोर्स शुरू हुए. फिर 1956 में ग्रेजुएशन कोर्स के लिए भी गुजरात यूनिवर्सिटी से एफिलिएशन मिली. आज यह कॉलेज गुजरात विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) से मान्यता प्राप्त है, जो इसकी गुणवत्ता और विश्वसनीयता को दर्शाता है.

WHO भी कर चुका है कॉलेज की प्रशंसा

बी.जे. मेडिकल कॉलेज की स्थापना का मुख्य उद्देश्य गुजरात और उससे आगे के क्षेत्र में हाई लेवल मेडिकल क्वालिफिकेशन और सेवाएं देना था. सालों से इसने मेडिकल एजुकेशन, रिसर्च और सार्वजनिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसकी चाइल्ड हेल्थकेयर और व्यापक टीकाकरण कार्यक्रमों में इंटीग्रेटेड एजुकेशन एंड ट्रेनिंग के लिए प्रशंसा की है.

फ्री या सस्ते रेट पर सभी वर्गों को मिलता है इलाज

इस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का उद्देश्य हमेशा से रहा है कि यह समाज के सभी वर्गों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं दे. यहां अधिकतर इलाज फ्री हैं या बेहद कम रेट पर. यह मिशन आज भी जारी है. यह कॉलेज अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल के साथ मिलकर क्षेत्र की स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करता है.

NEET-UG से मिलता है दाखिला, MBBS की 250 सीटें

अभी बी.जे. मेडिकल कॉलेज गुजरात के सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थानों में से एक है. यह हर साल 250 छात्रों को MBBS कोर्स में दाखिला देता है, जो नीट-यूजी (NEET-UG) परीक्षा के माध्यम से चयनित होते हैं. कॉलेज में MBBS के अलावा MD, MS, DM, MH और अन्य डिप्लोमा कोर्स कराए जाते हैं. कॉलेज का परिसर आधुनिक सुविधाओं से लैस है, जिसमें एडवांस लैब, बड़ी लाइब्रेरी और एडवांस क्लासरूम शामिल हैं.

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