‘डिजिटल इंडिया’ के पूरे हुए 11 साल, कुछ ऐसे बदली देश की तस्वीर – भारत संपर्क

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‘डिजिटल इंडिया’ के पूरे हुए 11 साल, कुछ ऐसे बदली देश की तस्वीर – भारत संपर्क
'डिजिटल इंडिया' के पूरे हुए 11 साल, कुछ ऐसे बदली देश की तस्वीर

डिजिटल इंडिया

पिछले ग्यारह वर्षों में भारत ने डिजिटल क्रांति के माध्यम से प्रशासन, सार्वजनिक सेवा और समावेशन के क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव देखे हैं. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, “डिजिटल इंडिया” महज एक पहल नहीं, बल्कि एक व्यापक परिवर्तन बन गया है, जिसने गांव-गांव तक तकनीक पहुंचाकर नागरिकों को सशक्त किया है.

यूपीआई और डिजिटल भुगतान

डिजिटल ट्रांजैक्शन का चेहरा बदलने वाला यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) अब देशभर में रोजमर्रा के लेन-देन का प्रमुख जरिया बन चुका है. मार्च 2025 में अकेले एक महीने में UPI से 24.77 लाख करोड़ रुपये के 18,301 मिलियन ट्रांजैक्शन हुए. आज 460 मिलियन से अधिक लोग और 65 मिलियन व्यापारी UPI का उपयोग कर रहे हैं। ACI वर्ल्डवाइड की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में वैश्विक रीयल-टाइम भुगतान का 49% भारत में हुआ.

आधार और DBT से पारदर्शिता

आधार ने डिजिटल पहचान का भरोसेमंद आधार बनाते हुए ई-केवाईसी और सेवा वितरण को सरल किया है. अप्रैल 2025 तक 141.88 करोड़ आधार बन चुके हैं. इससे जुड़ा प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) सिस्टम 43.95 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे लाभार्थियों को पहुंचा चुका है. इससे 5.87 करोड़ फर्जी राशन कार्ड और 4.23 करोड़ डुप्लीकेट गैस कनेक्शन हटाए गए हैं.

डिजिटल कनेक्टिविटी में क्रांति

5G के आगमन और 4.74 लाख BTS टावर की स्थापना ने भारत को दुनिया का सबसे तेज 5G रोलआउट देने वाला देश बना दिया है. भारतनेट परियोजना ने 2.14 लाख से ज्यादा ग्राम पंचायतों को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ा है, जिससे गांवों में डिजिटल सेवाएं सुलभ हो गई हैं.

स्वास्थ्य और शिक्षा में तकनीक की भूमिका

कोविन पोर्टल ने 220 करोड़ से ज्यादा कोविड टीके ट्रैक कर भारत को दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियानों में अग्रणी बना दिया. सामान्य सेवा केंद्र (CSC) ग्रामीण भारत में 5.97 लाख केंद्रों के माध्यम से बैंकिंग, बीमा और शिक्षा जैसी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं.

भाषा, साक्षरता और प्रशिक्षण

भाषिनी प्लेटफॉर्म 35+ भाषाओं में सेवाएं प्रदान कर रहा है, जिससे भाषा की बाधाएं टूट रही हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA) ने 6.39 करोड़ ग्रामीणों को डिजिटल साक्षर बनाया है. वहीं, “कर्मयोगी भारत” पोर्टल पर 1.07 करोड़ सिविल सेवक डिजिटल प्रशिक्षण ले चुके हैं.

तकनीकी आत्मनिर्भरता की ओर

IndiAAI मिशन, भारत सेमीकंडक्टर मिशन और रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण जैसे कार्यक्रमों ने देश को तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से बढ़ाया है. मई 2025 तक भारत की GPU क्षमता 34,000 पार कर गई है और 1.55 लाख करोड़ की सेमीकंडक्टर परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं.

रक्षा स्वदेशीकरण

भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में अपना अब तक का सबसे अधिक रक्षा उत्पादन मूल्य दर्ज किया, जो 1,27,434 करोड़ रुपये तक पहुँच गया – 2014-15 में 46,429 करोड़ रुपये से 174 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि. यह उछाल स्वदेशी प्लेटफार्मों जैसे कि लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस, अर्जुन टैंक, आकाश मिसाइल सिस्टम, एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर और कई घरेलू रूप से निर्मित नौसैनिक जहाजों की बढ़ती ताकत को दर्शाता है.

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