मीनाक्षी सेल्स के कर्मचारी के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला…- भारत संपर्क



बिलासपुर। शहर के प्रतिष्ठित सीमेंट व्यापारिक फर्म मीनाक्षी सेल्स में एक बड़े वित्तीय घोटाले का खुलासा हुआ है। संस्था में कार्यरत एक कर्मचारी ने रिटेलर्स से वसूली कर करीब 35 लाख रुपए गबन कर लिए। मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब संस्था के संचालक को पेमेंट के हिसाब-किताब में गड़बड़ी नजर आई। संचालक की शिकायत पर सिटी कोतवाली पुलिस ने आरोपी कर्मचारी के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला दर्ज कर लिया है।
जानकारी के अनुसार, मीनाक्षी सेल्स फर्म, जो कि पुराना हाई कोर्ट के सामने स्थित है, सीमेंट के थोक और फुटकर व्यापार में सक्रिय है। संस्था में तारबाहर वार्ड क्रमांक 15 निवासी अमन शुक्ला बतौर सेल्स प्रतिनिधि कार्यरत था। अमन को 1 अक्टूबर 2023 से नियुक्त किया गया था और उसने धीरे-धीरे फर्म के मालिकों का विश्वास जीत लिया था।
विश्वास का फायदा उठाकर अमन ने फर्म की जानकारी के बिना रिटेलर फर्मों और अन्य व्यापारिक पार्टियों को सीमेंट सप्लाई की और उनसे सीधे तौर पर नकद या डिजिटल माध्यम से भुगतान वसूल कर लिए। इन पैसों को फर्म के खातों में जमा न कराकर उसने निजी उपयोग में लाया। बताया जा रहा है कि यह सिलसिला करीब डेढ़ साल तक चला, जिसके दौरान अमन ने करीब 35 लाख रुपए की राशि का गबन किया।
संस्था के संचालक जब पार्टियों से भुगतान संबंधी जानकारी एकत्र कर रहे थे, तब उन्होंने पैसों के लेन-देन में भारी अंतर पाया। जब इस संदर्भ में रिटेलर्स से संपर्क किया गया तो पता चला कि अमन पहले ही उनसे पूरी राशि वसूल कर चुका था। इसके बाद संचालक द्वारा जब अमन से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उसने दुकान आना बंद कर दिया और गायब हो गया।
पूरे मामले की जानकारी के बाद, संचालक के निर्देश पर संस्था के मैनेजर मनोज सिंह ने सिटी कोतवाली थाने पहुंचकर अमन शुक्ला के खिलाफ अमानत में खयानत की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अमन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406 के तहत मामला पंजीबद्ध किया है।
फिलहाल आरोपी फरार बताया जा रहा है, और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अमन के खिलाफ सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं और जल्द ही उसकी गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना व्यापारिक क्षेत्र में विश्वासघात का एक गंभीर उदाहरण है, जिससे न केवल फर्म को भारी आर्थिक नुकसान हुआ, बल्कि रिटेलर्स और सप्लायर्स के बीच विश्वास की डोर भी कमजोर हुई है। पुलिस इस प्रकरण की गहराई से जांच कर रही है और संबंधित पक्षों से पूछताछ जारी है।
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