जियो, एयरटेल या वोडाफोन नहीं ईरान में बजता है इस नेटवर्क का डंका, लाखों में हैं… – भारत संपर्क

जब भारत में मोबाइल नेटवर्क की बात होती है तो हमारे दिमाग में सबसे पहले जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया (Vi) का नाम आता है. ये कंपनियां भारतीय टेलीकॉम सेक्टर की दिग्गज मानी जाती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ईरान जैसे देश में इन कंपनियों का कोई नामोनिशान नहीं है? वहां एक बिल्कुल अलग मोबाइल नेटवर्क राज करता है, जिसके लाखों यूजर्स हैं और जो अपने देश में टेक्नोलॉजी के मामले में भी काफी आगे है. यहां जानें कि आखिर कौनसी कंपनी है ईरान का जियो और क्यों वहां के लोग उसी पर भरोसा करते हैं.
ईरान का सबसे बड़ा नेटवर्क
ईरान का सबसे पुराना और सबसे बड़ा मोबाइल नेटवर्क IR-MCI यानी Hamrah-e-Aval (हमराह-ए-अवल) है. फारसी भाषा में इसका मतलब पहला साथी होता है. ये कंपनी ईरान की सरकारी टेलीकॉम कंपनी है, जो देशभर में नेटवर्क और इंटरनेट सर्विसेस ऑफर करती है.
हमराह-ए-अवल कंपनी
इसकी शुरुआत साल 1993 में हुई थी, जब मोबाइल फोन नए-नए आए थे. आज ये कंपनी 7 करोड़ से ज्यादा यूजर्स को सेवाएं देती है. इसके कवरेज की बात करें तो ये पूरे ईरान में 2G, 3G और 4G नेटवर्क ऑफर करती है. अब ये 5G ट्रायल पर भी काम कर रही है.
सरकारी कंट्रोल: ये कंपनी ईरान की सरकार के अंडर आती है, इसलिए इसकी सर्विसेस पूरे देश में कंट्रोल और मॉनिटर की जाती हैं.
कौन-कौन से नेटवर्क हैं ईरान में?
IR-MCI ईरान में सबसे बड़ा नेटवर्क है, लेकिन इसके अलावा ईरान में कुछ और मोबाइल नेटवर्क भी हैं. जिसमें Irancell (MTN Irancell) ये साउथ अफ्रीका की कंपनी MTN और ईरान की भागीदारी में है. ये ईरान की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है. खासतौर पर ये डेटा यूजर्स के बीच काफी पॉपुलर हैं. इसके अलाव तीसरी कंपनी Rightel है. ये 3G नेटवर्क के लिए जानी जाती है और धीरे-धीरे अपने 4G नेटवर्क को बढ़ा रही है.
भारतीय नेटवर्क क्यों नहीं चलते ईरान में?
ईरान एक फ्री और कंट्रोल्ड डिजिटल इकोसिस्टम रखता है. वहां विदेशी कंपनियों को आसानी से मार्केट में घुसने की इजाजत नहीं दी जाती. इसके पीछे कई वजह हैं.
इसमें राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध (Sanctions) शामिल हैं. ईरान पर कई देशों की तरफ से प्रतिबंध लगे हैं. इसमें अमेरिका सबसे आगे हैं. जिससे वहां विदेशी टेक कंपनियों की एंट्री बहुत मुश्किल हो गई है.
डेटा सिक्योरिटी और कंट्रोल भी इसमें एक वजह है. ईरान की सरकार चाहती है कि देश का डेटा देश के अंदर ही सुरक्षित रहे. ईरान अपनी लोकल कंपनियों को प्रमोट करता है ताकि वे इंडिपेंडेंट बन सकें.
भारतीय कंपनियों से तुलना करें तो?
भारत में आपको जियो के 469.7 मिलियन यूजर्स देखने को मिल जाएंगे. वहीं ईरान में साल 2022 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, Hamrah-e-Aval के 17 मिलियन पोस्ट-पेड और 49 मिलियन प्री-पेड यूजर्स (अब ज्यादा) हैं. भारत में 4G+5G नेटवर्क अवेलेबल हैं. लेकिन ईरान में 4G सर्विसेस तो हैं लेकिन 5G ट्रायल फेज में है. भारत में डेटा का खर्च काफी सस्ता 10 से 15 रुपये 1GB है. ईरान में ये थोड़ा महंगा 100 रुपये से ज्यादा 1GB डेटा का खर्च आता है. भारत में टेलिकॉम कंपनियां OTT ऐप्स का फ्री सब्सक्रिप्शन ऑफर करती हैं. लेकिन ईरान में लिमिटेड एक्सेस ही दिया जाता है.