अमेरिका, जापान नहीं, इस छोटे से देश की एजुकेशन पॉलिसी दुनिया में सबसे अच्छी,…


फिनलैंड की एजुकेशन पाॅलिसी को अन्य देशों से बेस्ट माना जाता है.
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जब दुनिया की सबसे अच्छी शिक्षा व्यवस्था की बात आती है, तो आमतौर पर दिमाग में अमेरिका, जापान या जर्मनी जैसे बड़े देशों के नाम आते हैं. लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि इन सभी को पछाड़कर एक छोटा सा नॉर्डिक देश फिनलैंड इस दौड़ में सबसे आगे है. करीब 55 लाख की आबादी वाला फिनलैंड अपनी अनोखी और प्रभावी शिक्षा नीति के लिए दुनिया भर में मशहूर है. आइए जानते हैं कि फिनलैंड के एजुकेशन सिस्टम की खासियत क्या है और यह अन्य देशों के कैसे बेस्ट है.
प्रोग्राम फॉर इंटरनेशनल स्टूडेंट असेसमेंट (PISA) एक अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण है, जो 15 साल के छात्रों के पढ़ने, मैथ्स और साइंस में स्किल असेसमेंट करता है. 2000 के दशक की शुरुआत से ही फिनलैंड PISA परिणामों में लगातार दुनिया के शीर्ष देशों में शुमार रहा है. फिनलैंड की शिक्षा व्यवस्था की सबसे दिलचस्प बात यह है कि यहां बच्चे दूसरे देशों की तुलना में स्कूल में कम घंटे बिताते हैं. होमवर्क भी बहुत कम मिलता है और छुट्टियों की भरमार रहती है.
Finland Education: परीक्षा का डर नहीं, सीखने पर जोर
फिनलैंड में बच्चे 7 साल की उम्र में स्कूल जाना शुरू करते हैं. यहां बच्चों को बहुत कम होमवर्क दिया जाता है, जिसे वे आमतौर पर घर लौटने के बाद आधे घंटे में पूरा कर लेते हैं. यह बच्चों को स्कूल और जीवन के बीच संतुलन बनाने का अवसर देता है. स्कूल के दिन भी छोटे होते हैं, अक्सर सुबह 9 से 9:45 बजे के बीच शुरू होकर दोपहर 2 से 2:45 बजे के बीच खत्म हो जाते हैं. लंबी कक्षाओं के बीच बच्चों को कई 15-20 मिनट के ब्रेक मिलते हैं. शुरुआत में यहां बच्चों का कोई स्टैंडर्ड टेस्ट नहीं होता है. ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डिवेलपमेंट (OECD) की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में सबसे कम होमवर्क फिनलैंड के स्कूलों में दिया जाता है.
Worlds Best Education : PhD तक फ्री एजुकेशन, कोई ट्यूशन इंडस्ट्री नहीं
फिनलैंड में 99% बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं. यहां कोई निजी ट्यूशन इंडस्ट्री नहीं है क्योंकि छात्रों को इसकी जरूरत ही नहीं पड़ती. प्राइमरी से लेकर PhD तक की पूरी एजुकेशन फ्री है, जिसमें मुफ्त भोजन, स्वास्थ्य देखभाल और मनोवैज्ञानिक परामर्श भी शामिल है. शिक्षा में कोई भेदभाव नहीं है. गांव और शहरों की शिक्षा व्यवस्था एक जैसी है. OECD की रिपोर्ट के मुताबिक, कमजोर और मजबूत छात्रों के बीच का अंतर दुनिया में सबसे कम है. फिनलैंड की साक्षरता दर करीब 100% है.
Quality Education: शिक्षक हैं ‘हीरो’, कड़ी ट्रेनिंग के बाद बनते हैं गुरु
फिनलैंड में शिक्षक बनना डॉक्टर या इंजीनियर बनने से भी ज्यादा मुश्किल माना जाता है. यहां शिक्षक बनने के लिए मास्टर्स डिग्री अनिवार्य है. केवल यूनिवर्सिटी के शीर्ष 10% ग्रेजुएट्स को ही शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में दाखिला मिलता है. फिनलैंड में एक शिक्षक का औसत मासिक वेतन भी लगभग 3 लाख रुपए तक होता है, जो अमेरिका जैसे देशों से भी अधिक है. सरकार भी शिक्षकों पर पूरा भरोसा करती है और उन्हें अपने तरीके से पढ़ाने की पूरी आजादी देती है.
Play To Learn : आउटडोर लर्निंग और हॉबी क्लासेस
फिनलैंड में पढ़ाई सिर्फ चार दीवारों तक सीमित नहीं है. बच्चे अक्सर बाहर जाकर प्रकृति के बीच सीखते हैं. इसके अलावा, खेल-कूद और अन्य गतिविधियों को भी शिक्षा का अभिन्न अंग माना जाता है. बच्चों को अपनी रुचियों को खोजने और विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. फिनलैंड की कक्षाओं में छात्रों की संख्या अपेक्षाकृत कम होती है. इससे शिक्षकों को हर बच्चे पर व्यक्तिगत ध्यान देने का समय मिलता है. वे हर बच्चे की क्षमता और कमजोरियों को पहचानते हैं और उसी के अनुसार उन्हें पढ़ाते हैं.
No Stress Education : 16 साल की उम्र तक में सिर्फ एक बार होता है एग्जाम
फिनलैंड में 16 साल की उम्र तक सिर्फ एक अनिवार्य परीक्षा होती है. यहां कोई रैंकिंग या प्रतिस्पर्धा नहीं है, न छात्रों के बीच, न स्कूलों के बीच. फोकस सीखने और सहयोग पर होता है, न कि रटने और नंबर लाने पर. एक शिक्षक कम से कम 6 साल तक एक ही क्लास के छात्रों को पढ़ाता है, जिससे शिक्षक और छात्र के बीच गहरा संबंध बनता है और शिक्षक हर बच्चे को बेहतर तरीके से समझ पाता है.
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