बच के रहना लखनऊ वालों… हर घंटे 65 लोग तोड़ रहे ट्रैफिक रेड लाइट, अब एक्शन… – भारत संपर्क

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राजधानी लखनऊ में जल्दबाजी और पहले निकलने की होड़ ने ट्रैफिक नियमों को ताक पर रख दिया है. शहर के 190 चौराहों पर लगे रेड सिग्नल को हर घंटे औसतन 65 लोग जंप कर रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा बाइक सवार शामिल हैं. इंटिग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) और ट्रैफिक कर्मियों के कैमरों ने अप्रैल से 22 जून तक 83 दिनों में 1,30,148 लोगों को रेड सिग्नल तोड़ते हुए कैद किया है. हैरानी की बात यह है कि भारी चालान के बावजूद लोग सुधरने को तैयार नहीं हैं.
ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में 46,408 लोग रेड सिग्नल जंप करते पकड़े गए. मई में यह संख्या बढ़कर 50,943 हो गई, जबकि 22 जून तक 32,797 मामले दर्ज किए गए. रेड सिग्नल जंप करने की सजा भी कम नहीं है. पहली बार उल्लंघन पर 1,000 रुपए और दूसरी बार 2,000 रुपए का चालान काटा जाता है. फिर भी, लोग नियम तोड़ने से बाज नहीं आ रहे.
लखनऊ RTO के अनुसार, शहर में 30 लाख से अधिक वाहन पंजीकृत हैं, जिनमें 57% दोपहिया और 31% चारपहिया वाहन हैं. बाकी में ऑटो, ई-रिक्शा और टैक्सी शामिल हैं. ट्रैफिक पुलिस के पास यह डेटा नहीं है कि किन चौराहों पर उल्लंघन सबसे ज्यादा हो रहा है, लेकिन कुछ चौराहों पर ट्रैफिक का दबाव और उल्लंघन की घटनाएं स्पष्ट रूप से ज्यादा हैं.
190 जगहों पर लगा ट्रैफिक सिग्नल
शहर में 500 से अधिक चौराहे और तिराहे हैं, लेकिन केवल 190 जगहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगे हैं. चारबाग नाका, हजरतगंज, अवध, आलमबाग, वीआईपी, दुबग्गा, गौतमपल्ली, मुंशी पुलिया, कमता, चरक, सुलतानपुर मार्ग और रायबरेली रोड जैसे चौराहों पर ट्रैफिक का दबाव सबसे ज्यादा है. इन जगहों पर रेड सिग्नल जंप करने की घटनाएं भी आम हैं.
ट्रैफिक पुलिस की सख्ती की तैयारी
डीसीपी ट्रैफिक कमलेश दीक्षित ने बताया कि यातायात नियमों के प्रति जागरूकता के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, “रेड सिग्नल जंप करना न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह सड़क सुरक्षा के लिए भी खतरा है. आने वाले दिनों में और सख्ती की जाएगी. जरूरत पड़ी तो ऐसे चौराहों पर सीसीटीवी और अतिरिक्त ट्रैफिक कर्मियों की तैनाती भी की जाएगी.” ट्रैफिक पुलिस ने संकेत दिए हैं कि रेड सिग्नल जंप करने वालों पर नकेल कसने के लिए नई तकनीकों और सख्त निगरानी का सहारा लिया जाएगा.