Meta AI के लिए आपकी फोटोज हो रही यूज! क्या है इसमें सच्चाई? – भारत संपर्क

मेटा के दो प्लेटफॉर्म फेसबुक और Instagram एक बार फिर प्राइवेसी को लेकर विवादों में है. अब तक तो लोग जानते थे कि Facebook पर डाली गई फोटोज को Meta AI अपने सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल करता है, लेकिन अब मामला और आगे बढ़ गया है. अब Meta आपकी फोन गैलरी की फोटोज तक एक्सेस चाहता है. उन फोटोज तक भी जो आपने कभी Facebook या Instagram पर शेयर तक नहीं की हैं. आखिर ये क्या मामला है यहां इसके बारे में पूरी डिटेल्स पढ़ें.
क्या है Cloud Processing फीचर?
हाल में कुछ Facebook यूजर्स को एक नया पॉप-अप दिखा जिसमें लिखा था कि वो cloud processing फीचर को ऑन करें. इस फीचर को ऑन करते ही Meta को आपकी गैलरी स्कैन करने की इजाजत मिल जाती है. यानी आपकी सारी फोटोज जो आपने शेयर नहीं की हैं सीधे Meta के क्लाउड सर्वर पर जाती हैं.
Meta का दावा है कि ऐसा करने से वो आपको क्रिएटिव आइडियाज देगा. जैसे फोटो कोलाज, बर्थडे या शादी के मौके के लिए स्पेशल फिल्टर्स और AI-जेनरेटेड सजेशन. ये सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन असली खेल इससे कहीं गहरा है.
आपकी फोटोज, Meta एआई की ट्रेनिंग
जब आप इस फीचर को ऑन करते हैं, तो Meta को खुली छूट मिल जाती है कि वो आपकी अनशेयर की गई फोटोज को देखें जैसे चेहरों की पहचान, फोटो में मौजूद चीजें, कब और कहां क्लिक की गई थी जैसी जानकारियां.
कहने को तो Meta बोल रहा है कि ये एक opt-in फीचर है यानी आप चाहें तो इसे कभी भी बंद कर सकते हैं, लेकिन सवाल उठता है कि क्या ज्यादातर यूजर्स ये सब शर्तें पढ़ते हैं? क्या उन्हें वाकई अंदाजा होता है कि उनकी प्राइवेट फोटोज अब एक AI के सामने खुल रही हैं?
2007 से हो रहा है डेटा का इस्तेमाल
Meta पहले ही ये एक्सेप्ट कर चुका है कि उसने 2007 से लेकर अब तक Facebook और Instagram पर अपलोड की गई सभी पब्लिक फोटोज का इस्तेमाल AI को ट्रेन करने में किया है. लेकिन पब्लिक का मतलब क्या है, ये Meta ने कभी साफ नहीं किया.
सवाल ये भी उठता है कि Meta किसे एडल्ट मान रहा है? अगर कोई 2007 में 13 साल का था और अब उसका डेटा AI ट्रेनिंग में इस्तेमाल हो रहा है, तो क्या ये सही है?
क्या है इससे बचने का रास्ता?
अच्छी बात ये है कि आप इस cloud processing फीचर को Facebook की सेटिंग्स में जाकर बंद कर सकते हैं. Meta कहता है कि अगर कोई यूजर इस ऑप्शन को बंद करता है, तो वो 30 दिनों के अंदर सारे अनशेयर किए गए फोटो क्लाउड से हटा देगा.
लेकिन असली चिंता इस बात की है कि ये फीचर एक मददगार टूल की तरह पेश किया जा रहा है, जबकि असल में ये आपकी प्राइवेसी की लिमिट को चुपचाप पार कर रहा है.
यूजर की प्राइवेसी को खतरा?
आज AI हर चीज में घुसपैठ कर रहा है, चैटिंग, शॉपिंग, फोटोग्राफी और अब आपकी गैलरी भी. कंपनियां अब इस कोशिश में हैं कि यूजर से ज्यादा से ज्यादा डेटा लिया जाए ताकि उनके AI सिस्टम और स्मार्ट बनें.
Meta का ये नया कदम ये सवाल उठाता है कि क्या हम वाकई अपनी प्राइवेसी को समझते हैं? क्या एक आसान-से दिखने वाला फीचर हमारी प्राइवेसी को खराब कर सकता है?
अब क्या करें?
इसके लिए फेसबुक की सेटिंग्स में जाकर Cloud Processing या Camera Roll Access जैसे ऑप्शन चेक करें. अगर आपको ये फीचर ऑन मिला तो आप इसे तुरंत बंद करें.