मंत्री के आगमन के सजावट से घायल हुआ पूर्व कर्मी तेज हवा से…- भारत संपर्क
मंत्री के आगमन के सजावट से घायल हुआ पूर्व कर्मी तेज हवा से उडक़र बाइक पर गिरा पर्दा, रास्ते में लगा है पर्दा ही पर्दा
कोरबा। केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे रहे कोरबा जिले के दीपका क्षेत्र में दौरे पर एसईसीएल दीपका प्रबंधन की तैयारी अब कर्मचारियों की जान पर बन आई है। दिखावे और सजावट के चक्कर में की जा रही अव्यवस्थित व्यवस्थाओं के चलते एक गंभीर हादसा सामने आया है, जिसमें पूर्व एसईसीएल अधिकारी डीपी यादव घायल हो गए। वही सूत्रों के अनुसार प्रबंधन द्वारा खदान क्षेत्र में बड़े-बड़े पर्दे लगाए गए थे, ताकि खामियों को छुपाया जा सके और मंत्री के सामने सब कुछ बेहतर दिखे। लेकिन यह पर्दे हवा के तेज झोंकों से उडक़र बीच रास्ते में गिरने लगे, जिससे कर्मचारियों के लिए आवागमन खतरनाक हो गया। इसी बीच पूर्व अधिकारी डीपी यादव जो विभागीय दफ्तर से लौट रहे थे, उनकी बाइक पर एक भारी पर्दा आकर गिर गया, जिससे वे असंतुलित होकर सडक़ पर गिर पड़े। मौके पर मौजूद अन्य कर्मचारियों ने उन्हें उठाया और तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि उनका घुटना टूट गया है और तत्काल ऑपरेशन की आवश्यकता है। इतना ही नहीं एक और अन्य कर्मी भी इस तरह घायल हो गए। जिन्हें मामूली चोटे आई हैं। जबकि केंद्रीय राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे मीडिया से दूरी बनाते हुए नजर आए। वही कार्यक्रम में विशेष कर भाजपा जिला अध्यक्ष गोपाल मोदी, कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल उपस्थित रहे।
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वास्तविक सुधार के बजाय दिखावा
यह हादसा सिर्फ एक उदाहरण है कि एसईसीएल दीपका प्रबंधन मंत्री के दौरे को लेकर वास्तविक सुधार के बजाय केवल सतही सजावट में जुटा है। जो खदान में काम करने वाले श्रमिकों और अधिकारियों की सुरक्षा के लिए बेहद चिंताजनक है। दिखावे के लिए भीतर और बाहर की दीवारों पर पुताई, पर्दों की सजावट, और सौंदर्याकरण पर लाखों खर्च किए जा रहे हैं, जबकि मूलभूत सुरक्षा और संरचनात्मक समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।
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अधिकारियों की हो सकती थी शिकायत
घटना के बाद खदान क्षेत्र में कर्मचारियों और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि जो पैसा श्रमिकों की सुविधा, सुरक्षा और उत्पादन के साधनों पर खर्च होना चाहिए, वह दिखावटी तैयारियों में बर्बाद किया जा रहा है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा इस लापरवाही की शिकायत मंत्री से करने की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन शिकायत नहीं कर पाए। वही कर्मचारी संघों ने भी प्रबंधन के इस रवैये की कड़ी निंदा की है और इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। यह हादसा एसईसीएल प्रबंधन की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़ा करता है,और अब यह देखना होगा कि क्या केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री इस सच्चाई को देख पाएंगे होंगे,या उन्हें भी वही चमक-धमक दिखाकर गुमराह कर उन्हें भी पर्दे के पीछे पर्दे ही परदे नजर आए।