DU में यूजी दाखिला शुरू होने से पहले 4 वर्षीय ग्रेजुएशन पर घमासान, राष्ट्रपति तक…

0
DU में यूजी दाखिला शुरू होने से पहले 4 वर्षीय ग्रेजुएशन पर घमासान, राष्ट्रपति तक…
DU में यूजी दाखिला शुरू होने से पहले 4 वर्षीय ग्रेजुएशन पर घमासान, राष्ट्रपति तक पहुंचा मामला

डीयू में 4 वर्षीय ग्रेजुएशन पर घमासान

दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) यूजी दाखिला प्रकिया 2025 अपने पीक पर है. 70 हजार से अधिक सीटों पर दाखिला के लिए लगभग तीन लाख छात्रों के आवेदन करने की उम्मीद है. ये दाखिला औपचारिकताएं पूरी करते हुए डीयू की तैयारियां एक अगस्त से नया सेशन शुरू करने की हैं. कुल जमा एक अगस्त के बाद डीयू में 70 हजार से नए छात्रों का प्रवेश होगा.

वहीं इसी साल से ग्रेजुएशन के छात्र नई शिक्षा नीति के तहत चौथे साल में प्रवेश करेंगे, जिसे देखते हुए डीयू में 4 वर्षीय ग्रेजुएशन पर घमासान शुरू हो गया है. डीयू शिक्षक संघ डूटा 4 वर्षीय ग्रेजुएशन के विरोध में उतर आया है और मामला राष्ट्रपति तक पहुंच गया है. आइए पूरा मामला विस्तार से जानते हैं.

डीयू शिक्षक संघ ने कहा 4 वर्षीय ग्रेजुएशन संभव नहीं

डीयू शिक्षक संघ (DUTA) अध्यक्ष प्रो एके भागी ने कहा कि डीयू के वर्तमान इंफ्रास्ट्रक्चर में नई शिक्षा नीति 2020 के तहत 4 वर्षीय ग्रेजुएशन संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि डीयू को छात्रों की बढ़ती संख्या को समायोजित करने के लिए इंफास्ट्रक्चर विस्तार के लिएजनशक्ति और धन की आवश्यकता है, लेकिन डीयू के पास ये दोनों नहीं हैं.

डूटा अध्यक्ष प्रो एके भागी ने कहा कि पर्याप्त फैकेल्टी और इंफास्ट्रक्चर के 4 वर्षीय ग्रेजुएशन शुरू किए जाने से छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा.उन्होंने डीयू के कॉलेजों को सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सहायता की मांग की है.

डूटा ने राष्ट्रपति को भेजी याचिका

डीयू में 4 वर्षीय ग्रेजुएशन का विरोध करते हुए डूटा ने एक याचिका राष्ट्रपति को भेजी है. राष्ट्रपति डीयू की विजिटर भी हैं. याचिका में डूटा कक्षाओं और प्रयोगशालाओं में भीड़भाड़, शैक्षणिक कैलेंडर में देरी, शिक्षकों पर अत्यधिक बोझ और स्वयं (SWAYAM) और मूक्स (MOOCs) जैसे ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का डीयू के पाठ्यक्रम से मेल न खाने का जिक्र किया है. याचिका का डीयू के शिक्षकों ने बड़ी संख्या में समर्थन किया है. याचिका में डूटा ने राष्ट्रपति और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि शैक्षणिक सुधार ऊपर से नीचे निर्देश दिए जाने के बजाय शैक्षणिक स्वतंत्रता, शिक्षक कल्याण पर केंद्रित हों.

ये भी पढ़ें-UP Police में महिला कोटे से कितने नंबरों पर मिलती है नौकरी? जानें कैटेगरी वाइज कटऑफ का हाल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

प्रदेश में पहली बार आर्किटेक्ट पर कार्रवाई, लाइसेंस निलंबित,…- भारत संपर्क| लचर व्यवस्था नहीं होगी बर्दाश्त एमएमयू वेंडर कंपनी के लाभांश रोकने के निर्देश – भारत संपर्क न्यूज़ …| अपनी मौत से पहले ही एथीस्ट कृष्णा को गया था अंदाजा, अंतिम समय में कहा- ‘अगर मैं बच…| “चेतना – छात्र जागरूकता अभियान” के तहत मोपका स्कूल में…- भारत संपर्क| किसकी बदौलत सुपरस्टार बन पाए थे जैकी श्रॉफ? इस डायरेक्टर ने बदल दी थी चॉल के… – भारत संपर्क