सिरगिट्टी पुलिस पर लापरवाही और आरोपियों को बचाने का आरोप लगा…- भारत संपर्क

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सिरगिट्टी पुलिस पर लापरवाही और आरोपियों को बचाने का आरोप लगा…- भारत संपर्क

आकाश दत्त मिश्रा

बिलासपुर, 14 जुलाई 2025 — सिरगिट्टी थाना क्षेत्र में युवक कैलाश ध्रुव की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। मृतक के परिजनों ने सोमवार को सिरगिट्टी थाना पहुँचकर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए और थाने का घेराव कर विरोध दर्ज कराया।

जानकारी के अनुसार, 11 जुलाई से लापता युवक कैलाश ध्रुव का शव 12 जुलाई को नयापारा स्थित एक जंगल के पास पानी में संदिग्ध अवस्था में मिला था। परिजनों का आरोप है कि इस मामले में पुलिस ने शुरुआत में 8 संदिग्धों को हिरासत में लिया था, जो कथित रूप से घटना के समय मौके पर मौजूद थे। लेकिन बाद में केवल 5 को ही औपचारिक रूप से आरोपी बनाया गया, जबकि मुख्य भूमिका निभाने वाले 3 लोगों के नाम प्राथमिकी (FIR) से हटा दिए गए।

परिवार का कहना है कि जब उन्हें यह जानकारी मिली कि एफआईआर से तीन मुख्य नाम हटा दिए गए हैं, तो उन्होंने थाने पहुंचकर जमकर विरोध किया। इसके बाद थाना प्रभारी (TI) ने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित कर उन्हें जेल भेजने का आश्वासन दिया।

मृतक के भाई रूपेश ध्रुव, जो इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने वाले हैं, का कहना है कि उन्होंने जिन नामों के साथ रिपोर्ट दर्ज कराई थी, उनमें फेरबदल कर दिया गया है। न केवल तीन मुख्य आरोपियों के नाम हटाए गए, बल्कि एफआईआर में हत्या में प्रयुक्त टांगी (कुल्हाड़ी जैसे धारदार हथियार) का भी कोई जिक्र नहीं किया गया। इसके विपरीत, एफआईआर में “महिला से छेड़छाड़” जैसे नए आरोप जोड़ दिए गए हैं, जिनका कोई आधार नहीं है।

रूपेश ध्रुव ने सवाल उठाया कि यदि महिला से छेड़छाड़ की घटना हुई थी, तो उसकी रिपोर्ट उसी दिन क्यों नहीं दर्ज कराई गई? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के नाम पर पुलिस अब पीड़ित पक्ष और गवाहों को ही प्रताड़ित कर रही है। उन्हें बार-बार थाने बुलाकर बयान बदलवाने का दबाव बनाया जा रहा है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ पुलिस अधिकारी खुद को न्यायाधीश समझते हुए गवाहों से कह रहे हैं कि “फलाना आरोपी बेगुनाह है,” “किसी को जबरदस्ती मत फंसाओ,” आदि। इससे पीड़ित परिवार और स्थानीय जनमानस में भारी आक्रोश है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब आरोपियों को तीन दिन पहले हिरासत में लिया गया था, तो उन्हें जेल क्यों नहीं भेजा गया?

परिजनों का कहना है कि पूरे मामले को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया जा रहा है और न्याय मिलने की बजाय उन्हें प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है।

स्थानीय जनों ने की निष्पक्ष जांच की मांग

थाने के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने उच्च अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे खुद हस्तक्षेप कर निष्पक्षता से आरोपियों की पहचान, साक्ष्यों की पुनः जांच और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की दिशा में कार्य करें।

इस पूरे घटनाक्रम पर अब तक सिरगिट्टी पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। लेकिन सूत्रों की मानें तो मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उच्च पुलिस अधिकारी पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।

(मृतक के परिजनों ने जैसा आरोप लगाया है उस पर आधारित समाचार लिखा गया है)


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