एक और जंग में कूदा इजराइल, दिन-दहाड़े सीरियाई सैनिकों के टैंक पर बरसा रहा गोले – भारत संपर्क


इजराइल ने सीरियाई सेना के ठिकानों को निशाना बनाया है.
ईरान के साथ 12 दिन की जंग के बाद इजराइल एक और मोर्चे पर उतर आया है. इस बार निशाना बना सीरिया का स्वैदा इलाका. जहां ड्रूज़ समुदाय पर हो रहे हमलों को लेकर इजराइल ने सीरियाई सेना पर सीधा हमला बोला है. दिन के उजाले में टैंक पर बमबारी हुई, गोलियों की तड़तड़ाहट से शहर दहल उठा.
दक्षिण सीरिया के स्वैदा इलाके में इजराइल ने सीधे सीरियाई सेना के ठिकानों को निशाना बनाया है. इजराइली सेना का कहना है कि उसने ये कार्रवाई ड्रूज समुदाय की सुरक्षा के लिए की है जो इस इलाके में बड़ी संख्या में रहते हैं. इजराइल पहले भी कई बार ये कह चुका है कि वो अपनी सीमा से सटे इलाके को डिमिलिटराइज्ड जोन बनाए रखना चाहता है ताकि वहां से कोई सैन्य खतरा न उठे.
टैंक खिंचते दिखे, आसमान में मंडराते ड्रोन
मंगलवार को इलाके में कम से कम चार धमाकों की आवाज सुनी गई. ड्रोन आसमान पर मंडरा रहे थे और एक क्षतिग्रस्त टैंक को घसीटते हुए ले जाया जा रहा था. स्वैदा में ये तीसरा दिन था जब लगातार गोलीबारी हो रही थी. शहर में डर और तनाव का माहौल है. इजराइल की इस कार्रवाई की एक वजह वहां के प्रमुख ड्रूज नेता शेख हिकमत अल-हजरी का बयान भी रहा. उन्होंने सीरियाई सरकार पर युद्धविराम तोड़ने और अपने ही नागरिकों पर बमबारी करने का आरोप लगाया.
उन्होंने ड्रूज लड़ाकों से सरकार के खिलाफ खड़े होने की अपील की. हालात बिगड़ते देख सीरिया के रक्षा मंत्री मुरहफ अबू क़सरा ने बयान जारी कर कहा कि अब पूरा युद्धविराम लागू कर दिया गया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सेना तब तक फायर नहीं करेगी जब तक उन पर हमला नहीं होता.
‘हमारे ड्रूज़ भाई-बहनों को नुकसान नहीं होने देंगे’
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री इजराइल कात्ज़ ने कहा कि स्वैदा में सीरियाई सरकार जिन हथियारों के साथ पहुंची थी, उन्हें तबाह करने का आदेश दिया गया है. बयान में कहा गया कि सीरिया के ड्रूज़ समुदाय के साथ हमारा गहरा भाईचारा है. हमारे देश के ड्रूज़ नागरिकों के साथ जो संबंध हैं, उन्हीं के तहत हम वहां के ड्रूज़ लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं.
ड्रूज समुदाय से इजराइल की नजदीकी कोई नई बात नहीं
ड्रूज एक अल्पसंख्यक धार्मिक समुदाय है जिसकी जड़ें 10वीं सदी में शिया इस्लाम की एक शाखा से फूटी थीं. सीरिया में इनकी बड़ी आबादी स्वैदा प्रांत और दमिश्क के आसपास बसी है. लेकिन इजराइल के लिए ड्रूज सिर्फ एक पड़ोसी समुदाय नहीं, बल्कि पुराने साथी हैं. 1930 के दशक में जब फिलिस्तीन में अरब विद्रोह हुआ, तब ड्रूज़ों ने यहूदियों के साथ गठजोड़ कर लिया था.
मुस्लिम चरमपंथियों से मिल रही धमकियों और अपने नेताओं की हत्याओं के बीच ड्रूज़ों ने यहूदियों के साथ रिश्ते और मजबूत कर लिए. आज इज़राइल में करीब डेढ़ लाख ड्रूज़ हैं जो गोलान हाइट्स, गलील और कार्मेल में रहते हैं और कई तो इज़राइली सेना में भी अहम पदों पर हैं. यही ऐतिहासिक नाता है जो आज सीरिया में उनके लिए इजराइल की तोपें गरजा रहा है.