बिहार में SIR पर सियासत गर्म, ECI के रुख से विपक्ष लाल, इन 7 प्वाइंट्स पर…

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बिहार में SIR पर सियासत गर्म, ECI के रुख से विपक्ष लाल, इन 7 प्वाइंट्स पर…
बिहार में SIR पर सियासत गर्म, ECI के रुख से विपक्ष लाल, इन 7 प्वाइंट्स पर सरकार को घेरने की तैयारी

बिहार SIR विवाद

बिहार में स्पेशल इटेंसिव रिवीजन यानी SIR को लेकर सियासत गरम है. फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है. मगर इसके बावजूद विपक्ष चुनाव आयोग के रुख को लेकर लाल पड़ा हुआ है. विपक्ष नए सिरे से इलेक्शन कमीशन को घेरने की तैयारी में है. विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान में अभी 9 दिन और शेष हैं. कल तक 86.32% गणना फॉर्म एकत्र किए जा चुके हैं.

अब केवल केवल 6.85% वोटर्स ही फॉर्म भरने के लिए बचे हैं. काम पूरे जोश शोर के साथ चल रहा है. 25 जुलाई इसकी अंतिम तारीख है. मगर विपक्षी दलों का बवाल अब भी जारी है. वह मतदाता पुनरीक्षण को साजिश बता रहे हैं. विपक्षी दलों का कहना है कि मतदाताओं के अधिकार के साथ खिलवाड़ हो रहा है. उसके अधिकार छीने जा रहे हैं.

विपक्ष दलों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कई त्रुटियां गिनाई हैं और इन 7 मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है.

इन 7 मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी

  1. विपक्ष का मानना है कि SIR में सुप्रीम कोर्ट की सलाह के बाद भी आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड को मानने की सलाह पर आयोग ने एक सप्ताह बीतने पर भी नोटिफिकेशन जारी नहीं किया. उल्टे सूत्रों के हवाले से खबर दी जा रही है कि, ये नागरिकता का प्रमाण नहीं.
  2. आखिर नागरिकता का मामला गृह मंत्रालय का है, तो चुनाव आयोग इसमें क्यों दखल दे रहा है?
  3. जिनका फॉर्म भरा गया है, उन मतदाताओं को रिसीविंग नहीं दी जा रही. यानी बाद में बीजेपी के फायदे लिए मतदाता सूची तैयार की जाए और फॉर्म भरने वाला कोई क्लेम न सके क्योंकि, फॉर्म भरने की उनकी कोई रिसीविंग नहीं है.
  4. चुनाव आयोग सूत्रों के जरिये नेपाल, बांग्ला देश और म्यांमार के नागरिक होने का हवाला दे रहा है, जबकि खुलकर आंकड़े नहीं दे रहा. क्या ये भाजपा का एजेंडा नहीं चलाया जा रहा है?
  5. इस मसले पर आज देर शाम कांग्रेस ने अंदरूनी तौर पर अपने वकीलों और सहयोगी दलों से चर्चा की. इसके बाद इस मुद्दे को तथ्यों के साथ चुनाव आयोग की रणनीति तैयार की गई है.
  6. खास बात ये है कि, जिस तरह चुनाव आयोग ने देश भर में SIR की प्रकिया होगी. ऐसे में टीएमसी, सपा, जेएमएम समेत तमाम सहयोगी विपक्षी दलों के साथ एकजुट होकर हमला बोलने की रणनीति तैयार की जा रही है.
  7. टीडीपी, जेडीयू, उपेंद्र कुशवाहा जैसे एनडीए घटक ने भी इस पर सवाल उठाए हैं, जो भीतर का सच सामने लाने के लिए काफी हैं.

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