करीना की डाइटिशियन ने बताया क्यों मंगलवार को नहीं खाना चाहिए नॉनवेज


Kareena Kapoor Dietician Rujuta Diwekar
फिल्मों में एक्टिंग का सिक्का जमाने से लेकर करीना कपूर की ब्यूटी भी फैंस का दिल लूटा है. आज भी उनके फैन फॉलोइंग में कोई कमी नहीं है. करीना कपूर वो एक्ट्रेस हैं, जिन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री में सबसे पहले जीरो फिगर वाला ट्रेंड सेट किया था और इसके पीछे उन्होंने वर्कआउट से लेकर अपनी डाइट फॉलो करने तक…लंबे समय तक मेहनत की थी. 2008 में आई फिल्म ‘टशन’ में वह अपनी जीरो फिगर फिटनेस को लेकर काफी लाइमलाइट में रहीं. हालांकि दोबारा से उन्होंने अपना नॉर्मल फिगर साइज मेंटेन कर लिया. 44 साल की उम्र में भी करीना बेहद फिट और खूबसूरत नजर आती हैं. एक्ट्रेस की डाइटिशियन रुजुता दिवेकर ने उनकी डाइट के बारे में काफी डिटेल शेयर की है जैसे करीना कई सालों से एक ही तरह की डाइट फॉलो कर रही हैं. फिलहाल हम जानेंगे कि आखिर क्यों करीना कपूर की डायटिशियन ने कहा कि मंगलवार को नॉनवेज न खाना सही है.
रुजुता दिवेकर एक जानी-मानी डायटिशियन हैं. वह किताबें भी लिख चुकी हैं. उनकी बुक ‘द कॉमन सेंस डाइट’ के लॉन्च पर भी करीना कपूर उनके साथ मौजूद रहीं थी. वहीं रुजुता सोशल मीडिया के जरिए भी लोगों फिटनेस और हेल्थ से जुड़ी जानकारियां देती रहती हैं. ऐसी ही एक पोस्ट में उन्होंने बताया है कि आखिर क्यों मंगलवार या हफ्ते में नॉनवेज लेस माने जाने वाले डेज पर मीट न खाना क्यों सही है.
मंगलवार को नॉनवेज न खाना
हमारे यहां कई तरह की धार्मिक मान्यताएं फॉलो की जाती हैं जैसे जब भी कोई फेस्टिवल होता है तो उसमें शुद्ध सात्विक खाना होता है. नॉनवेज खाना बिल्कुल मना हो जाता है तो वहीं बहुत सारे लोग हफ्ते में मंगलवार, शनिवार, गुरुवार जैसे दिनों पर भी नॉनवेज अवॉइड करते हैं. बहुत सारी पुरानी परंपराएं सिर्फ मान्यताओं पर आधारित नहीं होती हैं, बल्कि इसके पीछे एक सही वजह होती है, इसलिए हमारी दादी-नानी के बताए कल्चर को कई बार पुरानी सोच नहीं कहना चाहिए. चलिए जान लेते हैं कि करीना की डायटिशियन ने क्यों कहा कि मंगलवार आदि दिनों पर नॉनवेज क्यों न खाएं.
क्या कहती हैं रुजुता दिवेकर?
करीना की डाइटिशियन रुजुता दिवेकर का कहना है कि जैसे आपको आपकी दादी-नानी ने सिखाया है ठीक वैसे ही नॉनवेज खाना चाहिए. इसका मतलब ये है कि जैसे आपकी ग्रैंडमदर खाना परोसती थीं तो सिर्फ थाली में नॉनवेज नहीं होता था, बल्कि साथ में रोटी, चावल, भाकरी हुआ करती थी यानी नॉनवेज सिर्फ फुल मील का हिस्सा रहता है. इसके अलावा आपकी ग्रैंडमदर जो दूसरी चीज बताती होंगी वो है कि कम से कम हफ्ते में एक दिन जैसे लोग कहते हैं कि आज मंगलवार है हम नॉनवेज नहीं खाते हैं. दरअसल ये इकोलॉजिकली सेफ होता है. जब आप कुछ दिन नॉनवेज खाते हैं और कुछ दिन इसे स्किप कर देते हैं.
यूएस में भी है ये ट्रेंड
भारत में भले ही मंगलवार या गुरुवार आदि दिनों पर मीट न खाने को सिर्फ मान्यता माना जाता है, लेकिन यूएस में इसके लिए एक प्रॉपर ट्रेंड है, जिसे जिसे कहा जाता है हैशटैग मीट लेस मंडे. यानी सोमवार को लोग मीट अवॉइड करते हैं. इसके पीछे की वजह है वह समझ चुके हैं कि अगर हर रोज मीट खाएंगे तो उसके पूरी तरह से फायदे हमें नहीं मिलेंगे. हफ्ते में कुछ दिन नॉनवेज खाएंगे और कुछ दिन नहीं तो इससे फायदे मिलते हैं.
सावन में नॉनवेज न खाने के फायदे
सावन के दौरान लोग एक महीने तक नॉनवेज नहीं खाते हैं. इसको लेकर भी आयुर्वेद एक्सपर्ट किरण गुप्ता कहती हैं कि इससे बॉडी पर पॉजिटिव असर होता है. दरअसल जुलाई और अगस्त मानसून का टाइम है और इस दौरान काफी ज्यादा बारिश होती है. इससे नमी पैदा होती है और गर्मी के साथ मिलकर ये चीजों में सड़न की प्रक्रिया तेज कर देती है, नॉनवेज में ये प्रक्रिया ज्यादा तेजी से होती है. वहीं मानसून में पाचन कमजोर हो जाता है, इसलिए भी मीट नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसे पचाना मुश्किल होता है और एक महीने तक भारी चीजें अवॉइड करने से बॉडी को रिलैक्स और डिटॉक्स होने का मौका मिलता है.