घर में अकेलापन महसूस कर रहे बुजुर्गों के लिए ‘आनंद…- भारत संपर्क



बिलासपुर।
तेजी से बदलते सामाजिक परिवेश में जहां युवा पीढ़ी पढ़ाई और रोजगार के लिए शहरों से बाहर या विदेशों का रुख कर रही है, वहीं बुजुर्ग माता-पिता अकेलेपन का सामना कर रहे हैं। ऐसे बुजुर्गों के लिए सेंट्रल बंगाली एसोसिएशन ने मोपका में ‘आनंद आश्रम’ नामक आधुनिक वृद्धाश्रम का निर्माण कर समाज में नई पहल की है। इस आश्रम का संचालन सेंट्रल बंगाली एसोसिएशन और ज्येष्ठ नागरिक संघ के संयुक्त तत्वावधान में किया जाएगा।
बुजुर्गों को मिलेगा परिवार जैसा माहौल
आनंद आश्रम में बुजुर्गों को न केवल रहने की उत्तम सुविधा दी जाएगी बल्कि उन्हें एक परिवार जैसा माहौल भी मिलेगा। यहां दैनिक योग, धार्मिक आयोजन और सांस्कृतिक गतिविधियों का संचालन किया जाएगा ताकि बुजुर्ग मानसिक और शारीरिक रूप से सक्रिय रह सकें। आश्रम में रहने की इच्छुक बुजुर्गजन आरएन चटर्जी (मो. 9907936883) या अरविंद दीक्षित (मो. 9425227701) से संपर्क कर सकते हैं।

2 करोड़ की लागत से तैयार 24 सीटर आश्रम
सेंट्रल बंगाली एसोसिएशन के बीसी गोलदार ने बताया कि डॉ. हेमंत चटर्जी ने मोपका में 7 हजार वर्गफुट भूमि दान दी थी, जिस पर लोगों के सहयोग से 2 करोड़ रुपये की लागत से 24 सीटर आश्रम तैयार किया गया है। आश्रम परिसर में मंदिर, दो बड़े हॉल, 5 अटैच लैट-बाथ वाले कमरे और अन्य रूम बनाए गए हैं। यहां 40 लोगों तक के रहने की व्यवस्था होगी।
निर्माण कार्य देबाशीष घटक के मार्गदर्शन में पूरा हुआ। भवन को आधुनिक जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
संचालन एवं आर्थिक सहयोग
हाल ही में सेंट्रल बंगाली एसोसिएशन और ज्येष्ठ नागरिक संघ के पदाधिकारियों की बैठक में आश्रम के संचालन पर चर्चा की गई। तय हुआ कि दोनों संस्थाएं मिलकर इसका प्रबंधन करेंगी। आश्रम के सुचारू संचालन के लिए आर्थिक सहयोग की आवश्यकता पर भी विचार हुआ, जिसमें सभी पदाधिकारियों ने अपनी सहमति दी। इसके अलावा समाज के लोग भी इच्छानुसार सहयोग कर सकते हैं।
बैठक में आरएन चटर्जी, पीपी भादुड़ी, अरविंद दीक्षित, डॉ. सत्यभामा अवस्थी, अनिल व्यास, अमित चक्रवर्ती, मंजुला गुहा, रामनारायण राव, नित्यानंद अग्रवाल, भक्तिमय चौधरी, असित दास, मिहिर नाग सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
सांस्कृतिक भवन और सामाजिक आयोजन भी होंगे
मोपका धान मंडी के पास शासन से मिली 5 हजार वर्गफुट जमीन पर एक सांस्कृतिक भवन भी बनाया जाएगा। यहां युवक-युवती परिचय सम्मेलन, सामूहिक विवाह और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने से जुड़े कार्यक्रम होंगे।
15 अगस्त से होगा शुभारंभ
आनंद आश्रम में केयरटेकर, रसोइया और अन्य आवश्यक स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी। मांग और तैयारियों को देखते हुए 15 अगस्त को आश्रम का औपचारिक शुभारंभ किया जाएगा।
यह पहल न केवल बुजुर्गों को सहारा देगी बल्कि समाज में उनके प्रति सम्मान और अपनत्व की भावना को भी मजबूत करेगी।
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