केवल पत्ता हिलाने से कुछ नहीं होता, दम है तो…मनीष कश्यप ने केके पाठक को…

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केवल पत्ता हिलाने से कुछ नहीं होता, दम है तो…मनीष कश्यप ने केके पाठक को…
केवल पत्ता हिलाने से कुछ नहीं होता, दम है तो...मनीष कश्यप ने केके पाठक को दिया ये चैलेंज

यूट्यूबर मनीष कश्यप एवं बिहार के अपर मुख्य सचिव केके पाठक

बिहार में यूट्यूबर मनीष कश्यप एक बार फिर से फुल फार्म में हैं. इस बार उन्होंने राज्य के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को ही चैलेंज दे दिया है. उन्होंने कहा कि पत्ते हिलाने से कुछ नहीं होगा, दम है तो पेड़ हिलाइए. दीमक इन पेड़ों की जड़ों में हैं. उन्होंने इस संबंध में एक वीडियो भी बनाया है. यह वीडियो उनके इंस्टाग्राम एकाउंट पर उपलब्ध है. मनीष कश्यप ने यह वीडियो बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा शिक्षकों को डांटने फटकराने के विरोध में बनाया है.

वह अपनी वीडियो में कह रहे हैं कि ‘पाठक जी हम आपका सम्मान करते हैं. आपके काम का तरीका भी शानदार है, लेकिन आप ये बताइए कि अब तक कितने जिला शिक्षा पदाधिकारी सस्पेंड किए?’ इस सवाल के बाद मनीष कश्यप शिक्षकों को डांटने फटकारने की बात का हवाला देते हुए आगे कहते हैं कि ‘केवल पत्ता हिलाने से कुछ नहीं होता, यदि दम है तो पेड़ हिलाइए, क्यों कि दीमक इन पेड़ों की जड़ों में ही बैठा है.’ उन्होंने कहा कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्स्था पर कुंडली मारकर बैठे चार DEO को भी यदि वह सस्पेंड कर देते हैं तो वह खुद उनके मुरीद हो जाएंगे. उनकी पूजा करेंगे.

शिक्षकों को फटकारने पर नाराज है मनीष कश्यप

मनीष कश्यप ने अपर मुख्य सचिव केके पाठक को सलाह दी है कि खाली टीचर पर गुस्सा दिखाकर माहौल ना बनाएं. केके पाठक के काम की सराहना करते हुए मनीष कश्यप ने कहा कि क्रांतिकारी सुधार के लिए यही तरीका सही है. हालांकि पटना के डीएम के साथ केके पाठक का लड़ बैठना गलत है. उन्होंने कहा कि हमारे अंदर जो गलत है, उसे हम स्वीकार करते हैं. उन्होंने कहा कि वह भी एग्रेसिव होकर बोलते थे, ये गलत था. उन्होंने केके पाठक को भी कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए उन्हें शिक्षकों को डांटने फटकारने के बजाय डीईओ पर एक्शन करना चाहिए.

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जमानत पर जेल से बाहर हैं मनीष कश्यप

उन्हें उन पेड़ों की पहचान करनी चाहिए, जिनमें दीमक लगे हैं. वहीं बीमार पेड़ों को जिंदा करने के लिए यूरिया और पोटाश भी डालना होगा. बता दें कि तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमले का वीडियो वायरल करने के आरोप में पिछले दिनों मनीष कश्यप को अरेस्ट किया गया था. उनके खिलाफ बिहार में एनएसए भी लगा, हालांकि बाद में इसे हटा लिया गया. इस समय मनीष कश्यप जमानत पर जेल से बाहर है, लेकिन अब भी वह अपने पुराने अंदाज में हैं और एक बार फिर से सामाजिक और राजनैतिक मुद्दों पर खुलकर बोल रहे हैं.

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