इजराइल और अमेरिका के हमलों से नहीं डरा लेकिन इन 3 देशों की धमकी से घबरा गया ईरान,… – भारत संपर्क

0
इजराइल और अमेरिका के हमलों से नहीं डरा लेकिन इन 3 देशों की धमकी से घबरा गया ईरान,… – भारत संपर्क
इजराइल और अमेरिका के हमलों से नहीं डरा लेकिन इन 3 देशों की धमकी से घबरा गया ईरान, परमाणु पर बाचतीच के लिए तैयार

ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई

ईरान और इजराइल के बीच हुई जंग में बेंजामिन नेतन्याहू बैकफुट पर नजर आए, लेकिन अमेरिका की एंट्री के बाद ईरान को बड़ा नुकसान पहुंचा. इसके बावजूद ईरान इजराइल और अमेरिका से डरा नहीं, उसने आंख में आंख मिलाकर बात की है. इस बीच ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी की धमकी से वह जरूर डरता नजर आया है. यही वजह है कि परमाणु वार्ता करने के लिए राजी हो गया है. इस संबंध में ईरानी विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक रूप से सोमवार को घोषणा कर दी है.

ईरान, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी शुक्रवार को इस्तांबुल में परमाणु वार्ता करेंगे. ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी तीनों यूरोपीय देशों ने चेतावनी दी है कि वार्ता फिर से शुरू न करने पर ईरान पर फिर से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाए जाएंगे. ईरानी सरकारी मीडिया ने इस्माइल बघाई के हवाले से कहा, ‘ईरान, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के बीच यह बैठक उप-विदेश मंत्री स्तर पर होगी.’

2015 में ईरान के साथ हुई थी एक डील

25 जुलाई के लिए निर्धारित वार्ता यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों के अलावा, यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख की ओर से गुरुवार को ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची के साथ की गई पहली बातचीत के बाद हो रही है. ईरानी विदेश मंत्री से बातचीत एक महीने पहले इजराइल और अमेरिका की ओर से ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद की गई थी.

वहीं, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी ये तीन यूरोपीय देश चीन और रूस के साथ मिलकर 2015 में ईरान के साथ किए गए एक न्यूक्लियर डील के हिस्सा हैं. हालांकि अमेरिका साल 2018 में इस डील से बाहर हो गया था. इस समझौते के तहत मध्य पूर्व देश पर लगे प्रतिबंध हटा लिए गए थे, बदले में ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर कुछ प्रतिबंध लगाए गए थे.

यूरोपीय देशों के पास कानूनी अधिकार नहीं- ईरान

इन तीनों देशों ने कहा है कि अगर इजराइल-ईरान हवाई युद्ध से पहले ईरान और अमेरिका के बीच चल रही परमाणु वार्ता फिर से शुरू नहीं होती है या ठोस नतीजे नहीं देती है, तो वे अगस्त के अंत तक ‘स्नैपबैक मैकेनिज्म’ के जरिए तेहरान पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को बहाल कर देंगे. स्नैपबैक मैकेनिज्म 2015 के ईरान परमाणु समझौते (JCPOA) का एक हिस्सा है, जो संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को फिर से लागू करने की एक प्रक्रिया है.

हाल ही मेंअरागचीने कहा था कि अगर ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी कोई भूमिका निभाना चाहते हैं, तो उन्हें जिम्मेदारी से काम करना चाहिए और धमकी और दबाव की घिसी-पिटी नीतियों को जिसमें ‘स्नैप-बैक’ भी शामिल है, छोड़ देना चाहिए. इसके लिए उनके पास बिल्कुल भी नैतिक और कानूनी आधार नहीं है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

UGC NET Result June 2025: यूजीसी नेट जून 2025 रिजल्ट कहां और कैसे कर सकते हैं…| रिश्तेदारों के व्यवहार से परेशान दो नाबालिग बालिकाएं लौट रही…- भारत संपर्क| *सरपंच-उपसरपंच संघ गठन से पंचायतों को मिलेगी नई दिशा, जनपद उपाध्यक्ष अरविंद…- भारत संपर्क| मानदेय शिक्षकों की भर्ती में मनमानी का आरोप, डीईओ ने कहा गत…- भारत संपर्क| पिकनिक मनाने गए युवक की डूबने से मौत- भारत संपर्क