क्या शी जिनपिंग कराएंगे पुतिन और ट्रंप की दोस्ती? बीजिंग में हो सकती है खास मुलाकात – भारत संपर्क

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क्या शी जिनपिंग कराएंगे पुतिन और ट्रंप की दोस्ती? बीजिंग में हो सकती है खास मुलाकात – भारत संपर्क

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीन के राजधानी में मुलाकात कर सकते हैं. क्रेमलिन ने सोमवार को संकेत दिए कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात संभव हो सकती है, बशर्ते दोनों नेता इस सितंबर में बीजिंग में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल हों. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने पुष्टि की है कि पुतिन द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित समारोहों में हिस्सा लेने के लिए चीन जाएंगे.

हालांकि, पेसकोव ने कहा कि मॉस्को को इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है कि ट्रंप भी इन्हीं कार्यक्रमों में शामिल होने की योजना बना रहे हैं या नहीं. बीजिंग में दोनों नेताओं के बीच मुलाकात की संभावना के बारे में पूछे जाने पर, पेसकोव ने कहा कि अगर दोनों नेता एक साथ चीनी राजधानी में मौजूद होते हैं, तो क्रेमलिन ऐसी किसी मुलाकात की संभावना से ‘इनकार नहीं करता’

चीन में होने जा रहा महत्वपूर्ण कार्यक्रम

चीन की राजधानी बीजिंग में 3 सितंबर को दूसरे विश्व युद्ध के अंत की याद में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम होने जा रहा है. thetimes.com की रिपोर्ट के मुताबिक द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति को समर्पित समारोहों के ढांचे के भीतर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी आ सकते हैं और दोनों के एक उच्च स्तरीय त्रिपक्षीय बैठक में शामिल हो सकते हैं.

क्या होगी दोनों नेताओं की मुलाकात?

उपलब्ध जानकारी के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इन समारोहों में हिस्सा लेने की अपनी इच्छा की आधिकारिक पुष्टि कर चुके हैं. इस बीच, ट्रंप की यात्रा की संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं. जानकारों का कहना है कि यह यात्रा ‘अल्टीमेटम डेडलाइन’ से जुड़ी है, जो 1 सितंबर को समाप्त हो रही है. इससे पहले, डोनाल्ड ट्रंप ने पुतिन को यूक्रेन में सैन्य अभियान रोकने के लिए 50 दिनों की विशिष्ट समय सीमा दी थी.

समारोह के जरिए चीन बनाएगा अपनी पहचान

इस बार दूसरे विश्व युद्ध के अंत पर ये समारोह चीन में हो रहा है. जानकारों का कहना है कि चीन इस समारोह के जरिए अपनी कूटनीतिक पहचान बनाना चाहता है. अगर चीन रूसी राष्ट्रपति और ट्रंप की मुलाकात कराने में कामयाब रहता है और इससे यूक्रेन युद्ध को रोकने में मदद मिलती है, तो चीन दुनिया में अपनी अलग कूटनीतिक पहचान बनाने में कामयाब होगा.

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