भाजपा रायगढ़ में घमासान – भाजयुमो अध्यक्ष रवि भगत को पार्टी…- भारत संपर्क


रायपुर/रायगढ़, 26 जुलाई 2025।
छत्तीसगढ़ की सियासत में इस वक्त भारतीय जनता पार्टी के भीतर उठे विवाद ने हलचल मचा दी है। प्रदेश भाजपा कार्यालय से जारी एक आधिकारिक पत्र में रायगढ़ जिले के भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) अध्यक्ष रवि भगत को कारण बताओ नोटिस थमाया गया है।
नोटिस में आरोप लगाया गया है कि रवि भगत ने बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार किया और ऐसी पोस्टें कीं, जो पार्टी की छवि को नुकसान पहुँचाने वाली मानी जा रही हैं। भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं मुख्यालय प्रभारी जगदीश रोहरा (जगदीश रामू रोहरा) ने नोटिस जारी करते हुए स्पष्ट किया कि यह आचरण पार्टी अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।
प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है। नोटिस में रवि भगत से कहा गया है कि “आप इस पत्र के प्राप्त होने के सात दिनों के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करें, अन्यथा आपके विरुद्ध पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासन की कार्यवाही की जाएगी।”
क्या है पूरा मामला?
सूत्रों के मुताबिक, रवि भगत ने हाल के दिनों में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुछ ऐसे बयान दिए और पोस्ट साझा कीं, जिनमें पार्टी के प्रदेश नेतृत्व और कुछ वरिष्ठ नेताओं पर कामकाज को लेकर सवाल खड़े किए गए। बताया जा रहा है कि इन पोस्ट्स ने न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति पैदा की, बल्कि विपक्षी दलों को भी भाजपा पर हमले का मौका मिल गया।
पार्टी की आंतरिक बैठक में इस मुद्दे को गंभीरता से लिया गया और माना गया कि यह रवैया संगठन की अनुशासन नीति के खिलाफ है। इसके बाद प्रदेश नेतृत्व ने तत्काल प्रभाव से कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया।
पार्टी नेतृत्व की सख्त चेतावनी
इस नोटिस की प्रतिलिपि भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं को भेजी गई है, जिनमें प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जम्वाल, प्रदेश महामंत्री (संगठन) पवन साय और रायगढ़ जिलाध्यक्ष शामिल हैं।
यह कदम स्पष्ट संदेश देता है कि पार्टी संगठन के खिलाफ सार्वजनिक मंचों पर बयानबाजी बर्दाश्त नहीं करेगी।
आगे क्या होगा?
अब सबकी निगाहें रवि भगत के जवाब पर टिकी हैं। यदि उन्होंने सात दिनों में संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया, तो उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया जा सकता है। भाजपा में इस तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई का यह पहला मामला नहीं है, लेकिन युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष स्तर के नेता पर नोटिस जारी होना संगठन के भीतर उठते असंतोष को भी उजागर कर रहा है।
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि यह विवाद भाजपा के भीतर गुटबाजी की ओर इशारा करता है, खासकर तब जब छत्तीसगढ़ में अगले कुछ महीनों में पार्टी संगठनात्मक बदलाव की प्रक्रिया से गुजरने वाला है।
अब देखना होगा कि रवि भगत इस नोटिस पर क्या जवाब देते हैं और पार्टी नेतृत्व आगे कौन सा कदम उठाता है।

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