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रूक-रूककर हो रही झमाझम बारिश से नदी नालों का बढ़ा जलस्तर, जन जीवन प्रभावित, अलर्ट मोड पर प्रशासन

कोरबा। जिले में 72 घंटे से रूक-रूककर झमाझम बारिश हो रही है। नदी नाले उफान पर है। लोगों का जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। दर्री बरॉज में तेजी से पानी आ रहा है। जलस्तर बढ़ गया। इसकी वजह से जल संसाधन विभाग को एक दिन पहले दर्री के दो गेट खोलने पड़े थे। डेम का पानी हसदेव नदी में प्रवाह किया गया है। हसदेव नदी के आसपास में रहने वाले लोगों को अलर्ट किया गया है।गुरुवार को शाम रिमझिम बारिश हुई, जो शुक्रवार, शनिवार के बाद रविवार को भी जारी रहा। रुक-रुक हो रही झमाझम बारिश से लोगों का जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। नदी नाले उफान पर हैं। दर्री बरॉज में तेजी से पानी बढ़ रहा है। इसकी वजह से शुक्रवार सुबह डेम का जलस्तर अचानक बढ़ गया। जल संसाधन विभाग ने बरॉज का पानी कम करने के लिए शुक्रवार सुबह लगभग 9.30 बजे दो गेट खोले थे। बताया जा रहा है कि गेट नंबर सात फीट तक और चार नंबर गेट तीन फीट तक खोले गए थे। इन दोनों को लगभग 14928 मिले घन मीटर प्रतिसेकंड की रफ़्तार से हसदेव नदी में पानी छोड़ा जा गया।। इसके अलावा हसदेव नदी की सहायक नदी अहरिन नदी, छिंदईनाला सहित कई सहायक नदी उफान पर है। इसका भी पानी हसदेव नदी में आ रहा है। इससे जलस्तर बढ़ गया।बांगो बांध का जल स्तर एक दिन में एक मीटर तक बढ़ाकरतला क्षेत्र में छिंदईनाला के उफान से बांधापाली व घिनारा के मध्य स्थित पुल डूब गया। पुल के उपर पानी के तेज बहाव के बीच एक ट्रैक्टर चालक ने जान जोखिम में डालकर पुल पार करने का प्रयास किया। ट्रेक्टर बीच पुल पर फंस गया। किसी तहर ट्रैक्टर को बाहर निकाला गया। बताया जा रहा है कि यह पुल कोरबा को खरसिया और रायगढ़ से जोड़ता है।
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जर्जर सड़कों से आवाजाही हुई मुश्किल
बारिश की वजह से जर्जर सड़कों से आवाजाही भी मुश्किल हो गया है। इमलीछापर चौक पर पानी निकासी की सुविधा नहीं होने की वजह से जल-जमाव की स्थिति निर्मित हो रही है। वहीं सर्वमंगला तिराहा और पुल की सड़क के गड्ढों में भी पानी भर गया है। वाहन चालकों का आवाजाही काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वाहन चालक गड्ढों से बचकर आना-जाना कर रहे हैं। इसी तरह इससे हादसे का खतरा बना हुआ है।
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निचली बस्तियों में रहने वाले लोगों की बढ़ी परेशानी
दर्री बरॉज के गेट खुलने के बाद से हसदेव नदी के आसपास व निचली बस्तियों में रहने वाले लोगों की परेशानी एक बार फिर बढ़ गई है। इससे सबसे अधिक परेशान सीतामणी, पुरानी बस्ती, बालकोनगर सहित आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ा दी है। पिछले साल हसदेव नदी का जलस्तर बढ़ने से सीतामणी क्षेत्र के लगभग दो दर्जन से अधिक घरों में पानी भर गया था।

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