भारत ने म्यांमार बॉर्डर पर उठाया बड़ा कदम तो क्यों खुश हो गया बांग्लादेश? |… – भारत संपर्क

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भारत ने म्यांमार बॉर्डर पर उठाया बड़ा कदम तो क्यों खुश हो गया बांग्लादेश? |… – भारत संपर्क
भारत ने म्यांमार बॉर्डर पर उठाया बड़ा कदम तो क्यों खुश हो गया बांग्लादेश?

नरेंद्र मोदी, शेख हसीना

भारत-बांग्लादेश पुराने दोस्त हैं. शेख हसीना की सरकार में ये दोस्ती और प्रगाढ़ हुई है. भारत के एक हालिया फैसले से बांग्लादेश की सरकार खुश नजर आ रही है. दरअसल भारत की सरकार ने ये फैसला किया है कि वो म्यांमार से लगने वाली अपनी पूरी सीमा की बाड़ेबंदी करेगी. इस पर बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद का बयान आया है और उन्होंने भारत सरकार के फैसले का स्वागत किया है. महमूद ने कहा है कि इस फैसले से सीमा पार से होने वाली घुसपैठ में कमी आएगी. बांग्लादेश ने कहा है कि उसकी नीति हमेशा से आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की रही है.

भारत और म्यांमार के बीच करीब 1,600 किलोमीटर की सीमा रेखा लगती है. दोनों देशों के बीच अब सरकार बाड़ेबंदी की तरफ बढ़ रही है. 1 फरवरी, 2021 को सेना ने म्यामांर में तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद से म्यांमार में लोकतंत्र की बहाली की मांग तेज है और बड़े पैमाने पर हिंसक विरोध पर्दशन हो रहे हैं. म्यांमार के रखाइन प्रांत में और कई दूसरे क्षेत्रों में पिछले दिनों सेना को मजबूत टक्कर मिली और लोकतंत्र बहाली की लड़ाई लड़ रहे गुटों का कब्जा हो गया.

भारत सरकार ने क्यों उठाया ये कदम?

भारत सरकार ने इसी गुरूवार को कहा था कि भारत-म्यामांर के बीच फ्री-मूवमेंट को खत्म करने के पीछे की वजह भारत की सुरक्षा चिंताएं हैं. शाह ने उत्तर-पूर्वी राज्यों की सुरक्षा चिंताओं के हवाले से भी सीमा के बाड़ेबंदी की जरुरत बताया था. म्यांमार फिलहाल खूनी और हिंसक नागरिक संघर्ष देख रहा है. सेना की तख्तापलट के बाद म्यांमार में अशांति का आलम है. कई म्यांमार के सैनिकों को भागकर भारत तक आना पड़ा.

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बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने म्यांमार की मौजूदा स्थिति को चिंताजनक माना और कहा कि म्यामांर जिस तरह की मुश्किल से गुजर रहा है, भारत-म्यांमार सीमा की बाड़ेबंदी एक अच्छा फैसला होगा. बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने भी म्यांमार से उग्रववाद फैलने की बात स्वीकारी और कहा कि वहां से सैंकड़ों लोगों ने हाल के दिनों में भारत, बांग्लादेश में एंट्री ली है.

भारत और बांग्लादेश के रिश्ते

पिछले महीने बांग्लादेश में पांचवी दफा प्रधानमंत्री के तौर पर शेख हसीना ने शपथ लिया. उनके नए सिरे से सरकार गठन के बाद महमूद पहली दफा किसी द्विपक्षीय दौर पर ढाका से निकले. इस दौरे के लिए बांग्लादेश ने भारत को चुना. कुल चार दिनों की यात्रा पर महमूद हैं. मंगलवार से शुरू हुए उनके दौरे का आज आखिरी दिन है.

भारत और बांग्लादेश की दोस्ती को की जौ मौजूदा स्थिति है, उसको महमूद ने अपनी यात्रा के दौरान संबंधों का सुनहरा अध्याय कहा. महमूद का कहना है कि भारत और बांग्लादेश के रिश्ते तीन चीजों पर तवज्जो दे रहे हैं. जिनमें पहला है आपसी विश्वास और आत्मविश्वास को बढ़ाना, दूसरा दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना पर काम और तीसरा आर्थिक विकास पर मिलकर काम करना.

म्यांमार के तकरीबन 12 लाख रोहिंग्या मुसलमानों को देश से निकाले जाने के बाद उन्हें बांग्लादेश में शरण लेना पड़ा. एक थिंकटैक के कार्यक्रम में बातचीत के दौरान महमूद ने इन रोहिंग्या शरणार्थियों को बोझ बताया और इनके वतन वापसी के लिए भारत से मदद की मांग की. महमूद इन दिनों भारत के दौरे पर हैं. उनका मानना है कि रोहिंग्या शरणार्थियों के कारण बांग्लादेश में सुरक्षा और पर्यावरण की चिंताएं आकार ले रही हैं और हम यूएन से भी इस बारे में लगातार संपर्क बनाए हुए हैं.

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