ट्रंप ने अब बाइडेन को कोसा, कहा- मैं न होता तो यूक्रेन संघर्ष वर्ल्डवॉर थ्री में बदल… – भारत संपर्क

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओबामा के बाद अब बाइडेन पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि अगर मैं न होता तो यूक्रेन संघर्ष अब तक वर्ल्ड वॉर थ्री में बदल जाता. उन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन की असफलता की वजह से ही युद्ध इतना लंबा खिंचा है. सत्ता में आने के बाद मैंने इसे काफी हद तक कम कर दिया है. अब इसे खत्म कराने पर फोकस है.
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मीडिया से बातचीत में कहा कि जब मैंने राष्ट्रपति पद संभाला, उस समय बाइडेन प्रशासन के मॉस्को के साथ संबंध सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे. हमने उन राजनयिक संबंधों को बहाल किया जो फरवरी 2022 के बाद से निलंबित थे. यूक्रेन युद्ध पर उन्होंने कहा कि उस समय हालात बहुत बुरे थे, मैंने काफी हद तक इन्हें ठीक किया है. अब एक ही सवाल है कि इसका निपटारा कब होगा. इस पर मैं कहूंगा कि ये बहुत ही जल्द हो सकता है.
यूक्रेन संघर्ष बाइडेन का युद्ध
ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष बाइडेन का युद्ध है. उन्होंने यूक्रेन को दिए गए सैन्य समर्थन की निंदा की. ये भी कहा कि इस वजह से हमें तकरीबन 350 अरब डॉलर का नुकसान होगा. ट्रंप ने इस साल की शुरुआत में भी ये संकेत दिया था कि वह कीव के साथ हुए खनिज समझौते में इस नुकसान की भरपाई करना चाहते हैं. हालांकि उनकी मुश्किल ये है कि जिन खनिज संपदा को लेकर अमेरिका और यूक्रेन में करार हुआ है वे डोनेट्स्क और लुगांग्सक पीपुल्स रिपब्लिक में हैं, जिन्होंने 2022 में रूस में शामिल होने के लिए मतदान किया था.
पुतिन मानते हैं नाटो को जिम्मेदार
एक तरफ ट्रंप इस युद्ध के लिए बाइडेन को जिम्मेदार बताते हैं तो दूसरी तरफ पुतिन इसके लिए नाटो को जिम्मेदार मानते हैं.वह कीव को मिल रही पश्चिमी सैन्य सहायता की निंदा करते हैं. क्रेमिलन की ओर से ये भी कहा गया है कि नाटो का पूर्व की ओर विस्तार और यूक्रेन की नाटो में शामिल होने की महत्वाकांक्षा ही इस युद्ध का कारण है.
ट्रंप ने कम कर दी हथियारों की आपूर्ति
अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद से ही ट्रंप ने यूक्रेन को अमेरिकी हथियारों की आपूर्ति कम कर दी है. ट्रंप का प्रशासन, खासतौर से विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी खुले तौर पर इस युद्ध को रूस के खिलाफ छद्म युद्ध बता रहे हैं.हालांकि अचानक ट्रंप का बाइडेन पर बोला गया धावा उनकी सोची समझी रणनीति का भी हिस्सा माना जा रहा है. दरअसल अब तक वह रूस को इसका जिम्मेदार बता रहे थे, उन्होंने रूस पर प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दी थी, लेकिन अब वह पुतिन से मुलाकात करने जा रहे हैं. अलास्का में दोनों नेताओं के मिलने की संभावना है. ऐसे में माना जा रहा है कि पुतिन को खुश करने के लिए ट्रंप और उनके प्रशासन की ओर से इस तरह की बातें की जा रही हैं.